सन् 1665 में बना यह चर्च आज भी अपनी प्रचीन पुर्तगाली-मैनुएलिन शैली को बनाए हुए है। 'सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी' नामक इस चर्च के बाहरी हिस्से पर की गई कारीगरी बेहद ही सहज और सरल है; वहीं दूसरी तरफ इसकी अंदरूनी हिस्सों की बैरोक वास्तुकला अत्यंत भव्य और विचित्र है। अपने कोरिंथियन प्रभाव के कारण यह बेहद आकर्षक लगती है। इस चर्च के अंदरूनी प्रार्थना स्थल के ऊपर जीसस क्राइस्ट के साथ सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी की एक बड़ी प्रतिमा लगी है। इसके दोनों तरफ लकड़ी पर बनाई गई पेंटिंग लगी हुई है, जो मानवता के संरक्षक इस संत के जीवन और कालखंड को दर्शातीं हैं।

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