यूनेस्को द्वारा घोषित भारत के पहले विश्व विरासत शहर के रूप में अहमदाबाद अथवा अमदावाद इतिहास एवं परंपरा से परिपूर्ण है। सदियों पुरानी मस्जिदों तथा समकालीन अवांट-गार्डे की शानदार वास्तुकला का सहज मिश्रण पेश करने वाला, गुजरात का सबसे बड़ा शहर अनेक गतिविधियों वाला महानगर है। यह शहर साबरमती नदी द्वारा दो अलग हिस्सों में विभाजित है। नदी के पूर्वी तट पर अनोखा पुराना शहर स्थित है, जिसकी घुमावदार गलियां परंपरा व संस्कृति की द्योतक हैं जबकि पश्चिमी तट पर शानदार नया शहर विद्यमान है, जिसने अपनी विश्व-स्तरीय शहरी नियोजन के साथ अपने लिए एक विशेष जगह बनाई है। इसमें स्टन्न्ीट-फूड एवं रंग-बिरंगे बाज़ारों का समावेश करें तो अहमदाबाद पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाता है, जहां पर किसी को भी अनेक विकल्प प्राप्त हांगे।

पुराना शहर, वॉल सिटी भी कहलाता है यहां स्थित पोल इसकी विशेषता है जो समुदाय-आधारित आवास की एक प्राचीन प्रणाली है। शहर के चारों ओर बनी 10 किलोमीटर लंबी दीवार जिसमें 12 द्वार, 189 बुर्ज तथा 6,000 से अधिक प्राचीर थे, कभी इस पुराने शहर की सुरक्षा किया करती थी। वर्तमान में हर एक द्वार जिन पर कलात्मक नक्काशी, हस्तलिपि एवं कुछ के छज्जे बने हैं, उनके अवशेष गर्व से खड़े हैं। यद्यपि शहर का पूर्वी हिस्सा पुराने द्वारों व औपनिवेशिक युग की इमारतों के साथ अपने में पुराना-आकर्षण समेटे हुए है, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में शैक्षिक संस्थाएं, आधुनिक वास्तुकला, आवासीय इलाके, मॉल, मल्टीप्लेक्स एवं व्यापारिक केंद्र स्थित हैं। 

आरंभ में अहमदाबाद का नाम कर्णावती था, राजा कर्णदेव प्रथम से यह क्षेत्र जीतने के बाद सुल्तान अहमद शाह ने 1411 के बाद इसका नाम बदल दिया। अहमद शाह के शासनकाल में वास्तुकारों ने हिंदू शिल्पकला का फ़ारसी वास्तुशिल्प से मेल कराकर इंडो-अरबी शैली की उत्पक्रि की थी। यहां स्थित अनेक मस्जिदें इसी शैली को प्रतिबिंबित करती हैं। 

हालांकि अहमदाबाद 1960 से 1970 तक गुजरात की राजधानी रहा (वर्तमान में इससे सटा गांधीनगर राज्य की राजधानी है), किंतु गुजरात उच्च न्यायालय अब भी यहीं पर है और यह प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। अंग्रेज़ों की दास्ता से मुक्ति पाने के लिए अहमदाबाद कभी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य केंद्र हुआ करता था। महात्मा गांधी शहर में बने साबरमती आश्रम में रहा करते थे। यहां के संपन्न वस्त्र उद्योग के लिए यह ‘पूर्व का मेनचेस्टर’ भी कहलाता है। इसके बल पर अहमदाबाद 21वीं सदी का नेतृत्व करता है। यह शहर अपने वैभव के लिए एवं नवरात्रि के समय भव्य व व्यापक आयोजन के लिए जाना जाता है। नवरात्रि खुले मैदान में आयोजित होने वाला सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक आयोजन होता है।