तेलंगाना भारत का 29वां और सबसे युवा राज्य है जो 2 जून 2014 से अस्तित्व में आया। यहां पर्यटन स्थलों का खजाना है। यह राज्य अपनी मेहमाननवाजी, बहुल सांस्कृतिकता और बहुलतावादी समाज के लिए जाना जाता है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है जो भारत का पांचवा सबसे बड़ा शहर है और यहां देश के कई सबसे बढ़िया शैक्षणिक संस्थान हैं, सार्वजनिक क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र की कंपनियां हैं और फलता-फूलता वैश्विक सेवा क्षेत्र है, फिल्म उद्योग है और यह अपनी विश्व प्रसिद्ध हैदराबादी बिरयानी के लिए भी जाना जाता है। डेक्कन पठार के एक प्रमुख भाग में निर्मित तेलंगाना का मौसम यहां प्रचुर मात्रा में मौजूद प्राकृतिक और जल संसाधनों के साथ बहुत ही मनोहारी और सुखद है। यह राज्य दक्षिण भारत में कृष्णा और गोदावरी नदियों का प्रवेश द्वार है और इसे भारत की बीज राजधानी भी माना जाता है। भारत की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्था में से एक तेलंगाना ने अत्यधिक विकसित राज्य और समाज और गौरवशाली इतिहास तथा महान विरासत के साथ देश में अब वह स्थान ग्रहण कर लिया है जिसका वह हकदार है । अपने राजवंशीय और क्षेत्रीय प्रभावों से अलग तेलंगाना में यहां आने वाले पर्यटकों के लिए विपुल प्राचीन स्थान और नैसर्गिक सौंदर्य है। निर्मल झीलों, हरे-भरे वनों, पहाडी क्षेत्रों, प्रचुर वन्यजीवन, वनस्पतियां और जीव, तथा हिंदू, पठान, और पारसी शैली को प्रदर्षित करते नक्काशीदार मंदिर, शानदार महल और किलों के साथ तेलंगाना अपने आप में बेजोड है। तेलंगाना के स्थानीय लोगों के कलात्मक स्वभाव को विभिन्न जन जातियों और क्षेत्रों के विभिन्न कला रूपों जैसे चित्रों, धातु,और काष्ठ तथा कपडों पर कलाकृति के माध्यम से अभिव्यक्ति मिली है और उन्होंने इन क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा अर्जित की है। तेलंगाना सारी दुनिया में अपनी अद्भुत कांस्य कला के लिए प्रसिद्ध है, इन अविश्वसनीय मूर्तियों के निर्माण के लिए असाधारण दक्षता की आवश्यकता होती है। यहां स्थित निर्मल टाउन पारंपरिक कलाओं की सर्वोत्तम तकनीकों के माध्यम से विविधतापूर्ण दुर्लभ शिल्प कलाकृतियों के निर्माण के लिए विश्व विख्यात है। यहां के अन्य प्रमुख कला रूपों में निजामाबाद पैनल्स, निर्मल पेंटेड फर्नीचर, डोकरा कास्टिंग, चांदी की जरदोजी, चेरियिल स्क्राल पेंटिंग्स, बिदरी हस्तकला और पेम्बार्थी पीतल के बर्तन शामिल हैं।