अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का स्वर्ग है। यह द्वीप नीले समुद्री जल, साफ-सुथरे तट, मैंग्रोव वन और पुराने जंगलों से घिरा हुआ है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की खूबसूरती के कारण दूर-दराज से लोग यहां घूमने आते हैं।अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 द्वीपों से मिलकर बना है। धूप से भरपूर ये द्वीप भारत के पूर्वी किनारे स्थित बंगाल की खाड़ी में हैं। इनमें से अधिकांश द्वीप अंडमान में हैं, जिनमें से 28 द्वीपों पर ही आबादी है। वहीं निकोबार द्वीप समूह में करीब 22 मुख्य द्वीप हैं, जिनमें से 10 द्वीपों पर ही लोग रहते है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को 150 किमी चौड़ा 10 डिग्री वॉटर चैनल पृथक करता है। दक्षिण-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी मानसूनी हवाओं के कारण, अंडमान के उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों, पशुओं और कोरल रीफ से भरपूर हैं। ये सब मिलकर अंडमान और निकोबार को एक प्राकृतिक स्वर्ग बनाते हैं। इन द्वीपों पर पक्षियों की करीब 270 प्रजातियां और उपप्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमें से 106 प्रजातियां स्थानीय पक्षियों की है। अंडमान की वुड पिजन, अंडमान पडौक और डुगोंग (समुद्री गाय) को क्रमशः राज्य पक्षी, राज्य वृक्ष और राज्य पशु घोषित किया गया है। इन द्वीपों मे लगभग 96 वन्यजीव अभ्यारण्य, नौ राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिजर्व हैं।पर्यटक इन द्वीपों पर वॉटर स्पोर्ट से जुड़ी कई तरह की गतिविधियां जैसे- ट्रेकिंग, कैंपिंग, ट्रेलिंग, स्कूबा डाइविंग आदि का लुत्फ उठा सकते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह कई हजार वर्षों से बसा हुआ है। पुरातत्व दस्तावेज़ों के अनुसार यहां की आबादी लगभग 2,200 वर्ष पहले की है; परन्तु, आनुवंशिक, सांस्कृतिक और भाषा-सम्बन्धी अलग-अलग अध्ययन से पता चलता है कि 30,000 से 60,000 वर्ष पहले मध्य पुरापाषाण युग से ही लोग यहां रहा करते थे। अंडमान द्वीप में रहने वाले लोगों ने अब तक अलग-अलग भाषा, संस्कृति और समूहों के साथ अपना अस्तित्व बनाए रखा है। इसी तरह निकोबार द्वीप समूह के स्थानीय लोगों का भी द्वीपों के साथ एकाकी और लंबा संबंध है। यहां दो प्रमुख समूह हैं: निकोबारी, जो निकोबार के कई द्वीपों पर रहते हैं; शोम्पेन, जो ग्रेट निकोबार द्वीप तक ही सीमित हैं।