जब पर्यटन स्थलों की विविधता की बात चलती है तो मध्य प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य करार दिया जा सकता है। मध्यप्रदेश को उन ढेर सारी वस्तुओं के लिए जो यहाँ उपलब्ध हैं, भारत का दिल कहा जाता है यह लगभग सभी धर्मों की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को खुद में समेटे हुए है। अनगिनत स्मारक, बारीकी से तराशे हुए मंदिर, स्तूप, किले और महल पूरे प्रदेश भर में बिखरे पड़े हैं। प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता भी उतनी ही विविध है। व्यापक रूप से पठारी भूमि से आच्छादित इस राज्य में दिव्य पर्वत श्रंखलाओं और सर्पाकार लहराती नदियों से लेकर हरे भरे वन क्षेत्रों तक सब कुछ है। असल में मध्य प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र वनों से आच्छादित है, जो अनोखे और लुभावने वन्य जीवन का विराट दृश्य पटल प्रस्तुत करता है। कान्हा के राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ और पेंच में आप बाघ, बाइसन तथा हिरणों और चिंकारा की विविध क़िस्मों को देख सकते हैं। मध्य प्रदेश में जल क्रीड़ाएँ, कारवाँ यात्रा, नदी के जहाज़, प्रकाश एवं ध्वनि के प्रदर्शन, जन जातीय जीवन, हर तरह के पर्यटक के लिए सब कुछ है। जबलपुर में चाँदनी की रोशनी में सफ़ेद पत्थर की चट्टानों पर प्रकृति के साथ प्रणयलीला कीजिये, या मांडू में कवि हृदय राजकुमार बाज़ बहादुर और उनकी सुंदरी रानी रूपमती की अपूर्व कहानी में खो जाइए। चित्रकूट में राजकुमार राम के गमन पथ का अनुसरण कीजिये। ओरछा और ग्वालियर के किलों, महलों और छत्रियों पर सोये हुए इतिहास को जगाइए, जो आपके कानों में मध्यकालीन भारत की कहानियाँ गुनगुनाएगा। खजुराहो का मंदिर वह अनोखा तोहफा है जो भारत ने पूरे विश्व को दिया है, और जो अपनी जीवंत मूर्तियों के जरिये प्यार और जीवन के आनंद का प्रतिनिधित्व करता है। मध्यप्रदेश खूबसूरत माहेश्वरी और चँदेरी साड़ियों एवं बस्तर के घंटों की धातु की कलाकारी के कारण ख़रीदारी के लिए भी बेहतरीन स्थान है। प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर साइट पर उल्लिखित 3 विश्व धरोहरें हैं, जिनके नाम सांची, भीमबेटका और खजुराहो हैं। मध्यप्रदेश की सबसे अच्छी बात यह है कि पूरे भारत से वहाँ जाना काफी आसान है, इसीलिए इसे भारत का दिल कहा जाता है।