आभानेरी नामक छोटा सा कस्बा जयपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित है। वास्तव में इसका नाम आभा नगरी है, जिसका अर्थ रोशनी की नगरी होता है। 9वीं सदी में निर्मित आभानेरी, दो स्मारकों - चांद बावड़ी जैसे सीढ़ियों वाले कुएं तथा हर्ष माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। चांद बावड़ी अभियांत्रिकी का एक उपयुक्त उदाहरण है तथा आगंतुकों को अनोखा अनुभव प्रदान करता है। इसका निर्माण वर्षा के पानी को संग्रहित करके रखने के उद्देश्य से किया गया था। यह कुआं 13 स्तरीय और 20 मीटर गहरा है। हर्ष माता मंदिर प्रसन्नता की देवी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में हुआ था तथा इसे देखने आसपास के क्षेत्र के लोग यहां आते हैं। आभानेरी कालबेलिया एवं घूमर जैसे स्थानीय नृत्यों के लिए भी प्रसिद्ध है।     

 

अन्य आकर्षण