![लक्षद्वीप](/content/dam/incredible-india-v2/images/states/lakshadweep/suheli-Island-lakshadweep.jpg/jcr:content/renditions/cq5dam.web.512.288.jpeg 480w,
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लक्षद्वीप
मूँगे के स्वर्ग का मज़ा लीजिये
क्षमा करें, हमें आपकी खोज से मेल खाने वाली कोई भी चीज़ नहीं मिली।
लक्षद्वीप दुनिया के असाधारण उष्ण कटिबंधीय द्वीपों में से एक है। इसकी 36 द्वीपों में बँटी हुई 32 वर्ग किमी लंबी चौड़ी धरती समुद्री सम्पदा से सम्पन्न 4200 वर्ग किमी विशाल समुद्र से घिरी हुई है। पारिस्थितिकी और संस्कृति की इस बहुमूल्य धरोहर को बेहद नाज़ुक पारिस्थितिक तंत्र का सहारा प्राप्त है। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप पारिस्थितिक पर्यटन के प्रति कटिबद्ध है और यह पर्यटन के प्रसार और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक नाज़ुक संतुलन कायम करता है। प्रशासन पर्यावरण पर पड़ने वाले तटीय पर्यटन के प्रभाव पर बारीकी से नज़र रखता है, और पर्यटन के प्रसार का ऐसा रास्ता अपनाता है जो पर्यावरण के लिहाज से उपयुक्त हो। पारिस्थितिक पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव को टालने के लिए एक प्रभावशाली रणनीति के तहत पर्यटन का प्रसार द्वीप की क्षमता से तालमेल बिठाते हुए ही किया जाता है। हालाँकि पूरा द्वीप मूँगे की खूबसूरत चट्टानों, सुनहरे किनारों, साफ पानी और स्वागत करने वाली परिस्थितियों से घिरा हुआ है, इनमें से अधिकतर दी जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं के मामले में परस्पर भिन्न हैं। कुछ द्वीपों को गोताखोरी और जलक्रीड़ाओं के मुताबिक विकसित किया गया है; जबकि कुछ द्वीपों को इस तरह विकसित किया गया है कि पर्यटक वहाँ विश्राम करते हुए प्रकृति का लुत्फ ले सकें। धरती के बहुमूल्य और दुर्लभ सम्पदा से सम्पन्न होने के कारण प्रशासन की नीतियाँ जल आधारित पर्यटन के प्रसार के साथ धरती पर पड़ने वाले दबाव को कम करने वाली हैं। उनका लक्ष्य है प्रकृतिक सौन्दर्य को सराहना और उसका दोहन करने से बचना।