भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित पंजाब देश के समृद्धतम राज्यों में से एक है और यह दिलदार, अतिथि प्रेमी तथा ऊर्जावान लोगों का राज्य है।इसके विशाल मैदानी भाग में बहने वाली सतलुज, व्यास, रावी, झेलम तथा चिनाब, इन पाँच नदियों के कारण इसे पंजाब कहा जाता है जहाँ अनेक चीजों की प्रचुरता है।पंजाब नृजातीय तथा धार्मिक विविधता की भूमि है जहाँ से अनेक धार्मिक आन्दोलनों का जन्म और प्रसार हुआ जिसमें सिखवाद, बौद्धवाद तथा सूफीवाद शामिल हैं। पंजाबी भाषा की उत्पत्ति भी भारत-यूरोपीय भाषाई परिवार से हुई है जिसमें पारसी तथा लैटिन भाषाएँ शामिल हैं। प्राकृतिक रूप से उर्वर भूमि तथा जल संसाधनों की प्रचुरता के कारण यह प्रमुख रूप से कृषि प्रधान राज्य है और इसने भारतीय गणराज्य को खाद्य सुरक्षा की दिशा में निरन्तर तथा असीमित योगदान दिया है। पंजाब में तीज, लोहरी, बसन्त तथा बैसाखी जैसे कुछ प्रमुख त्यौहार मनाये जाते हैं जो कृषि लोकाचार को प्रतिबिम्बित करते हैं। वास्तव में पंजाब का परम्परागत भांगड़ा नृत्य किसान के दैनिक जीवन के इर्दगिर्द घूमता है तथा प्रदर्शित करता है। ऐतिहासिक रूप से पंजाब ने आर्य, पारसी, ग्रीक, अफगान तथा मंगोलों सहित अनेक नस्लों को शरण दी है इस प्रकार यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर अत्यन्त समृद्ध है। इस इतिहास को प्रदर्शित करने वाले अनेक स्थल हैं : प्रभावकारी किले तथा महल, प्राचीन स्मारक, भव्य वास्तुकला तथा अनेक युद्धक्षेत्र।