पुराने स्मारकों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के उद्यमी लोगों के निरंतर विलयन से बनता यह जीवंत और आधुनिक महानगर दिल्ली, भारत की राजधानी होने के साथ-साथ एक आकर्षक पर्यटन स्थल भी है। यमुना नदी के किनारे पर बसा, लगभग 1,000 साल पुराना यह राजधानी शहर दिल्ली, विरासत और समकालीन दोनों तरह के अनुभवों की एक सम्मोहक मिश्रित चित्रकारी प्रस्तुत करता है। यह शहर आज भी अपनी सदियों पुरानी विरासतों को गर्व से संजोए हुए है; और साथ-साथ यह भारतीय लोकतंत्र की राजधानी और आत्मा भी है। अपनी इसी आधुनिकता के कारण यह शहर दुनिया के सबसे उन्नत महानगरों से बराबरी का दर्जा बनाए हुए है।राजधानी के पुरानी दिल्ली के आसपास का चहलपहल से भरा हुआ इलाका, आज भी अपनी प्राचीनता को बरकरार रखे हुए है, और आप यहां के व्यंजनों की संस्कृति को देखकर हैरान रह जाएंगे। यहां की घुमावदार गलियों में दुकानदार सभी तरह की चीज़ें बेचते नज़र आ जाएंगे। पुरानी दिल्ली में घूमना वाकई एक अविस्मरणीय अनुभव है, यहां आप कुछ प्राचीनतम व्यंजनों को चख सकते हैं, जो इनके स्वाद के उद्गम का दावा मुगलों के रसोई से करते हैं। साथ ही आप यहां की विशिष्ट संस्कृति में पूर्णतः सराबोर हो जायेंगे जब आप यहां पर उत्तम हस्तशिल्प, थोक में कपड़े और आपकी इच्छा से निर्मित आभूषण आदि सभी चीजें बजट में मिलते पायेंगे।इसकी भूलभुलैया जैसी चांदनी चौक की गलियों के बीच शानदार जामा मस्जिद विद्यमान है, जो देश की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। यहां से कुछ ही दूर पर दिल्ली का गौरव, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, लाल किला है, जो मुगल सम्राट शाहजहां की विरासत है। कई पुराने किले, प्रतिष्ठित कुतुब मीनार और कई प्राचीन मंदिर, पुरातात्विक रत्नों के रूप में इस राजधानी में भरी पड़ी हैं, और ये सभी इमारतें उन मुगल सम्राटों को श्रद्धांजलि देती हैं जिन्होंने अपने साम्राज्य का प्रशासन दिल्ली से किया था।वहीं अगर हम राजधानी के आधुनिक हिस्से 'नई दिल्ली' की बात करें तो यह इलाका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का शक्ति केन्द्र है, जो प्रतिष्ठित सरकारी संरचनाओं, चकाचौंध करने वाले मॉल, विस्तृत फैले आवासीय परिसरों, शानदार रेस्तरां और कैफे, भव्य मंदिरों और हरे-भरे उद्यानों से भरा पड़ा है। यह जगह भोजन के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है, जहां आप सभी भारतीय राज्यों के लगभग सभी प्रसिद्ध व्यंजनों को चख सकते हैं। दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय से लेकर स्थानीय व्यंजनों तक की भरमार है, जो किसी भी व्यंजन-पसंद पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह शहर खरीदारी का एक केंद्र है, जहां आपकी सभी जरूरतों की चीजें, जैसे किताबें, फैशनेबल कपड़े और उत्तम आभूषण से लेकर सभी तरह के सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और जूतों तक मिलेंगे। दिल्ली ज्यादातर उच्च-स्तरीय खुदरा स्टोर और ब्रांड्स का घर है, जो खरीदारों को सीधे-सीधे कई विकल्प प्रदान करते हैं, इसके साथ ही इन दुकानों में पुराने शिल्प और वस्त्रों की भी अच्छी खासी किस्में मिलती हैं।दिल्ली का प्रमुख स्थान, देश के राजनीतिक केंद्र के रूप में निर्विवाद है। एक केंद्र शासित प्रदेश विस्मयकारी संरचनाओं का घर है, जैसे भारतीय संसद, राष्ट्रपति भवन या राष्ट्रपति निवास, और राज घाट (राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी का स्मारक) और साथ के पड़ोसी इलाके जैसे कनॉट प्लेस और लोधी कॉलोनी।दिल्ली एक सदी से भी अधिक समय से भारत की राजधानी है। जहां एक ओर इतिहास के कुछ महान और शक्तिशाली शासकों ने इस शहर पर अपना आधिपत्य जमाया था, वहीं दूसरी ओर, यह शहर अपने उत्पत्ति का इतिहास हिंदू महाकाव्य महाभारत में पाता है, जब इसे इंद्रप्रस्थ के रूप में जाना जाता था, जो पांडवों का निवास स्थान था।सन् 1192 में, अफगान के योद्धा मुहम्मद गौरी ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और सन् 1206 में उसने दिल्ली सल्तनत की नींव डाली। सन् 1398 में, तुर्क-मंगोल शासक, तैमूर ने इस शहर पर आक्रमण किया और यहां अपने राज्य की स्थापना की। बाद में लोदी वंश के राजाओं ने दिल्ली पर शासन किया, जिन्हें बाबर ने उखाड़ फेंका, और उसने भारत में मुगल साम्राज्य की संस्थापना की। शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान, दिल्ली मुग़ल साम्राज्य की राजधानी बनी। मुगल काल तीन शताब्दियों तक चला और बाद में भारत अंग्रेजों के हाथों में आ गया, जिन्होंने सन् 1911 में अपनी राजधानी को कलकत्ता से बदलकर दिल्ली कर दिया। अन्य प्रमुख राजवंशों, जैसे तुगलक और खिलजी के दौरान भी दिल्ली उनकी राजधानी थी। स्वतंत्रता के बाद सन् 1947 में, नई दिल्ली को भारतीय गणराज्य की आधिकारिक राजधानी बनी।