गुजरात में वह सब कुछ है जो कोई राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक चाहता है-विभिन्न प्रकार के दर्शनीय स्थल एवं आकर्षण। इसके अतिरिक्त सशक्त परिवहन सुविधा, उत्कृष्ट संचार सुविधाएँ, पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएँ, ग्रामीण क्षेत्रों तक में चौबीसो घण्टे जल आपूर्ति, सुरक्षा तथा संरक्षण एवं इन सबके परे गुजरात निवासियों का आतिथ्य प्रेम गुजरात को भारत का एक उत्तम पर्यटन स्थल बनाता है।

गुजरात की विविध भूसंरचनाएँ स्वयं में एक पूर्ण पैकेज है। यहाँ कच्छ का रण सुन्दर समुद्री तट से लगा हुआ है। हड़प्पा काल के विभिन्न युगों के पुरातात्विक स्मारक ढोला वीरा तथा लोथल में पाये जाते हैं। गुजरात में प्राचीन गुफाएँ, स्तूप, बौद्ध विहार, मन्दिर तथा स्मारक हैं जो भारतीय-मुगल शैली की वास्तुकला प्रदर्शित करते हैं जिसमें इस्लामी तथा हिन्दू वास्तुकला का मिश्रण है। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद को भारत का प्रथम यूनेस्को विश्व धरोहर नगर घोषित किया गया था। गुजरात पर्यावरण प्रेमी पर्यटकों के लिए भी एक उत्तम पर्यटन स्थल है। यहाँ संकटग्रस्त वन्य जीव जैसे एशियाई शेर तथा भारतीय जंगली गधे पाये जाते हैं जो भारत में कहीं अन्य नहीं दिखाई देते हैं।
इस राज्य की जीवन्त परम्परा इसके हस्तशिल्प कौशल की समृद्ध विरासत है जो औद्योगीकरण के साथ-साथ फली-फूली है। कढ़ाई का काम, बंधेज तथा रंगसाजी, ब्लॉक मुद्रण, सजावट, मनके का कार्य, धातुकर्म एवं अन्य आदिवासी शिल्पकलाएँ अपनी गूढ़ डिजाइन, रंगों तथा श्रेष्ठ शिल्पकारी के लिए प्रसिद्ध हैं। विभिन्न मेलों तथा त्यौहारों के दौरान गुजरात का भ्रमण कीजिए और लोगों को भड़कीले पोशाकों, कलात्मक आभूषणों तथा परम्परागत संगीत की धुन पर रात्रि में होने वाले नृत्य देखिए। जनवरी माह के मकर संक्रान्ति के अवसर पर पतंगबाजी एक विश्वप्रसिद्ध आयोजन है जहाँ पर्यटक आनन्दपूर्वक स्थानीय लोगों से मिलजुल कर आनन्द लेते हैं। व्यापक रूप से शाकाहारी गुजराती व्यंजन का उल्लेख करना उचित है क्योंकि यह पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
जो लोग गुजरात भ्रमण के लिए आते हैं वे इसके आकर्षण में बँध जाते हैं क्योंकि यहाँ का जीवन स्वयं में एक उत्सव है। विरासती, वन्य जीवों वाली, आमोदकारी, उल्लासकारी तथा भोज्यपदार्थों की भूमि गुजरात में आपका स्वागत है।