भव्य मंदिरों, ऐतिहासिक स्मारकों, बेहद खूबसूरत समुद्री तटों और एक व्यस्त पोर्ट सिटी के रूप में प्रसिद्ध पोरबन्दर अपनी बहुत सी विशेषताओं की वजह से बेहद खास है। सौराष्ट्र स्थित गुजरात में बसा यह शहर भारत की अनूठी और रंग-बिरंगी संस्कृति और सभ्यता की खूबसूरत बानगी पेश करता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली के रूप में विख्यात पोरबन्दर शहर इस पूरे इलाके की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की पहरेदारी का काम भी करता है। यहां कदम-कदम पर भारतीय संस्कृति और सभ्यता का मुजाहिरा देखने को मिलता है। मसलन, एक ओर जहां एक भव्य गुरुकुल, प्राचीन वैदिक विज्ञान को जीवंत रखे हुए है, वहीं दूसरी ओर गांधीजी के जीवन और उनके आदर्शों को दर्शाता एक अनूठा मंदिर भी यहां स्थित है। एक किवदंती के अनुसार बापू की जन्मस्थली के रूप में विख्यात पोरबन्दर श्रीकृष्ण के बालसखा और भक्त सुदामा की भी जन्मस्थली है। यहां स्थित सुदामा मंदिर अपने आप में अनूठे तरीके से भगवान श्रीकृष्ण के साथ उनकी मित्रता की गाथाएं कहता प्रतीत होता है। 

सदियों से पोरबन्दर खाड़ी देशों, अरब और फारसी क्षेत्र के साथ व्यापार का एक मुख्य केन्द्र रहा है। इतना ही नहीं मराठाओं, मुगलों और ब्रिटिश शासन काल के दौरान पूर्वी अफ्रीकी देशों के साथ भी यहां से व्यापार किया जाता था। इस जगह के पौराणिक महत्व का पता स्कंद पुराण से पता चलता है, जहां इस स्थान को अश्मवटी और सुदामापुरी के नाम से वर्णित किया गया है। यहां आने वाले पर्यटक पुराने बंदरगाहों और घाटों को देखकर यह आसानी से महसूस कर सकते हैं कि किसी जमाने में यह स्थान समुद्री गतिविधियों का मुख्य केन्द्र रहा होगा।