कोडिनार के समीप समुद्र के किनारे बसा प्राचीन गांव मूल द्वारका, भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान सोमनाथ से करीब 45 किमी और पोरबन्दर से करीब 175 किमी की दूरी पर स्थित है। प्राचीन कथाओं के अनुसार द्वारका जाते समय श्रीकृष्ण ने पोरबन्दर के विसावदा में रुक कर विश्राम किया था। श्रीकृष्ण की याद में विसावदा (मूल द्वारका) स्थित इस मंदिर में उनकी पादुका यानी पैरों के निशान देखे जा सकते हैं। हर साल जन्माष्टमी के अवसर पर इस गांव में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मध्य कालीन युग में यह गांव एक सक्रिय तटीय शहर के रूप में जाना जाता था, जिसका प्रमाण इस इलाके में फैले बेहद प्राचीन जहाज के लंगरों से मिलता है। यह प्राचीन लंगर बड़े-बड़े पत्थरों से बने हुए हैं। 

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