‘‘नीले पर्वतों एवं लाल नदी’’ की संज्ञा वाला असम उत्तर पूर्वी राज्यों का प्रवेशद्वार है तथा इसे पूर्वोत्तर भारत के प्रहरी के रूप में वर्णित किया गया है। सात भारतीय राज्यांे तथा दो देशों भूटान एवं बांग्लादेश से घिरा असम, चीन और म्यांमार से लगती भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के भी निकट है।

 असम पहाड़ों से घिरा हुआ है, ब्रह्मपुत्र एवं बराक जैसी प्रमुख नदियां तथा उसकी सहायक नदियां हैं, घने जंगल हैं, चाय के बागान हैं, जो असम की प्राकृतिक सुंदरता में महŸवपूर्ण योगदान देते हैं। वास्तव में असम की शक्तिशाली नदी ब्रह्मपुत्र देश की एकमात्र नर नदी है।

 इस राज्य में अहोम राजवंश के 600 वर्ष पुराने स्मारक विद्यमान हैं, भारतीय इतिहास में यह सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला एकल राजवंश था। यह बहुत कम राजवंशों में से एक था, जिन्हें मुग़लों द्वारा नहीं जीता गया था। असम विभिन्न जनजातियों एवं समूहों का निवास स्थान है। उन सभी की अपनी अलग सांस्कृतिक विरासत, जीवन-शैली, खान-पान, गीत, पर्व होते हैं जिनमें बिहू, बैसागू, रोंगकर एवं चोमनकान पर्व, बिशु, बैखो, अली-आए-लिगांग, मी-दम-मी-फी, अम्बुबाची मेला इत्यादि प्रमुख हैं।

असम में पांच राष्ट्रीय उद्यान एवं 18 वन्यजीव अभयारण्य हैं, भारत में सबसे ऊंचाई पर स्थित हैं, इनमें भारत की फूलों की संपदा का 25 प्रतिशत हिस्सा तथा विभिन्न प्रकार के वन्यजीव विद्यमान हैं। असम के गोलाघाट ज़िले में प्रसिद्ध कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, जहां विश्व में एक सींग वाले गेंडों की सबसे अधिक आबादी, एशियाई जंगली भैंसे, बारहसिंगा, जंगली हाथियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघ भी अधिक संख्या में हैं। मानस राष्ट्रीय उद्यान जो एक विश्व विरासत स्थल भी है, पूर्वी हिमालयी जैव विविधता क्षेत्र की एक घटक इकाई है। यह देश में दो जैव विविधता वाले ‘‘प्रमुख स्थलों’’ में से एक है। जातिंगा डिमा हासाओ ज़िले में पक्षियों की आत्महत्या का रहस्य, प्रकृति में रुचि रखने वालों एवं अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक रोचक विषय है।

राज्य में 600 से अधिक चाय के बागान हैं जिसके सुंदर दृश्य ऊपरी असम की यात्रा करते समय आंखों को बेहद सुकून प्रदान करते हैं। असम में लगभग 20 चाय के बागानों के परिसर में गोल्फ कोर्स का निर्माण एवं रखरखाव किया गया है तथा कुछ में पोलो के मैदान भी हैं। जोरहाट जिमखाना क्लब एशिया का सबसे पुराना तथा विश्व का तीसरा सबसे पुराना गोल्फ कोर्स है।  

गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में नीलाचल की पहाड़ियों में स्थित कामाख्या मंदिर, कामाख्या देवी को समर्पित सबसे प्राचीन मंदिर है। तांत्रिक पूजा करने वाले तीर्थयात्रियों में यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है, इसके अलावा वार्षिक अम्बुबाची मेला महोत्सव के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। हाजो एक अन्य आध्यात्मिक केंद्र है जहां पर तीन धर्मों के लोग बौद्ध, हिंदू एवं मुस्लिम तीर्थयात्रा के लिए आते हैं।

शक्तिशाली नदी ब्रह्मपुत्र राज्य के भूगोल का ही वर्णन करती है। कोई भी इस पर चलने वाले क्रूज की सवारी कर सकता है, जिसमें प्रथम श्रेणी की सुविधाओं के साथ वन्यजीव, परंपरा, रोमांचकारी पर्यटन का अनुभव किया जा सकता है। ‘‘एमवी महाबाहु’’ दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ रिवर क्रूज में से एक है जो असम के लिए बहुत गर्व की बात है। सौभाग्य से दुनिया का सबसे बड़ा बसा हुआ नदी द्वीप असम में ही है, जिसमें कई क्षत्रप वैष्ठव मठ हैं जिनमें से कुछ 16वीं सदी के हैं; साथ ही विश्व का सबसे छोटा नदी द्वीप जिसका