अहमदाबाद में विविध प्रकार की गतिविधियां आयोजित होती हैं। इस शहर के भ्रमण के दौरान आगंतुक इनमें हिस्सा ले सकते हैं। ख़रीदारी से लेकर विभिन्न संग्रहालय देखने जा सकते हैं, यह शहर किसी का भी मनोरंजन करने में असफल नहीं रहा है।

ख़रीदारी

अहदमाबाद में ख़रीदारों के लिए बहुत कुछ विद्यमान है तथा यहां स्थित विभिन्न बाज़ार आभूषणों, हस्तशिल्प एवं अन्य प्रकार के सामान के मुख्य केंद्र हैं। यहां का सबसे प्रसिद्ध बाज़ार मानेक चौक है, जहां सवेरे सब्ज़ी बाज़ार तथा शाम को आभूषणों व कपड़ों की मार्केट लगती है। यह पुराने शहर में स्थित है तथा थोक में सामान ख़रीदने की यह उपयुक्त जगह है। यहां लगने वाला आभूषण बाज़ार भारत का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है। स्वादिष्ट कुल्फ़ी खाते हुए चमचमाते आभूषणों की ख़रीदारी की जा सकती है। यह बहु-उद्देश्यीय बाज़ार खाने-पीने का भी प्रमुख केंद्र है। आगंतुक ढलगारवाड़ भी जा सकते हैं जो कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। इस बाज़ार में विविध प्रकार के कपडे़, विशेषकर उक्राम प्रकार के सूती कपड़े मिलते हैं। यहां हाथ से प्रिंटिंग की गईं चादरें, बांधनी, साड़ियां, दुपट्टे एवं स्कर्ट्स की ख़रीदारी की जा सकती है। लॉ गार्डन नाइट मार्केट एक अन्य जगह है, जहां ख़रीदारी की जा सकती है। पारंपरिक भारतीय पोशाकें एवं आभूषण ख़रीदने के लिए रात को लगने वाले बाज़ार उपयुक्त है।

ख़रीदारी

विक्टोरिया गार्डन

विक्टोरिया गार्डन अहमदाबाद के रायखढ़ क्षेत्र के शांत इलाके में स्थित है। सुकून के पल बिताने के शौकीन लोगों के लिए यह बेहतरीन जगह है। यह गार्डन 200 वर्षों पहले अंग्रेज़ों द्वारा बनाया गया था। यह 23,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में व्याप्त है। फूलों की महकती सुगंध एवं हरी घास पर चलना तन-मन को मंत्रमुग्ध कर देता है। ये विशेषताएं इस गार्डन को विश्राम, तरोताज़ा एवं स्फूर्त महसूस करने का उपयुक्त स्थान बनाती हैं। इस गार्डन का नाम लंदन की महारानी विक्टोरिया के नाम पर पड़ा है। यहां पर उसकी मूर्ति भी लगी हुई है। पक्षियों की गतिविधियों में रुचि रखने वालों के लिए भी इस गार्डन में बहुत कुछ है, वे यहां पर कुछ प्रवासी पक्षी देख सकते हैं।     

विक्टोरिया गार्डन

सनसेट डन्नइव-इन सिनेमा

सनसेट डन्नइव-इन सिनेमा में चलचित्र का अनोखा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यह थियेटर से बढ़कर है, जहां दर्शकों को बैठने की सुंदर जगह मिलती है। यहां पर वे तारों की छांव में फ़िल्म का आनंद ले सकते हैं। आप अगर गर्मियों में इस शहर में जाते हैं तब इसका भरपूर मज़ा अवश्य लें। आप फूड कोर्ट से खाने का सामान भी ले सकते हैं।

 सनसेट डन्नइव-इन सिनेमा

नाल सरोवर

वर्ष 1969 में नाल सरोवर तथा उसके आसपास स्थित झीलों को पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। यह अहमदाबाद से 60 किलोमीटर दूर स्थित है और 120 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां स्थित झील प्लोवर, टिटहरी एवं स्टिन्ट जैसी प्रजातियों के अनेक पक्षियों को आकर्षित करती है। पक्षियों की गतिविधियों में रुचि रखने वालों के लिए यह जगह आनंद से भरपूर है। इनके अतिरिक्त सर्दियों में हवासील, फ़्लेमिंगो, बक्राखें, कुरजां एवं सारस जैसे प्रवासी पक्षी भी बड़ी संख्या में यहां आते हैं।

नाल सरोवर

सुंदरवन

यहां पर बांस का उपवन व एक छोटा सा चिड़ियाघर स्थित है, सुकून के पल बिताने के लिए सुंदरवन की सैर कर सकते हैं। हर रविवार को एम्फ़ीथियेटर में होने वाला सर्प शो बहुत अनोखा होता है। यहां स्थित केंद्र में सांपों को बचाने का भी कार्य किया जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में मगरमच्छ व साही हैं तथा एक छोटा सा एक्वेरियम एवं पक्षियों का एक बाड़ा भी है।

सुंदरवन

वेच्छार बर्तन संग्रहालय

यह संग्रहालय गुजरात की विरासत के पोषण, उसकी सराहना एवं उसे सहेजकर रखने का प्रयास है, जो इस क्षेत्र के शिल्पकारों एवं उनके कलात्मक कौशल को दर्शाता है। यहां समस्त भारत से लाए गए 4,500 बर्तन व्यापक रूप से प्रदर्शित किया गया है। इनमें से कुछ तो 1,000 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। विविध प्रकार के इन बर्तनों में तुम्बा जग से लेकर आधुनिक स्टेनलस स्टील एवं कांच के बर्तन सम्मिलित हैं।

 वेच्छार बर्तन संग्रहालय

श्रेयस लोक संग्रहालय

यहां प्रदर्शित कलात्मक कार्यों में कढ़ाई, लकड़ी पर की गई नक्काशी, धातुओं की वस्तुएं, मोतियों व चमड़े का सामान, पोशाकें एवं चित्रकारी तथा गुजरात के विभिन्न समुदायों जैसे कठी, रबारी, अहीर, भारवाड़, कुणबी, राजपूत, ब्रा२ण, वानिया, मेघावल, मेमन, मीणा आदि की महिलाओं द्वारा बनाए गए घरेलू सामान देखने को मिलते हैं। इसी परिसर में कल्पना मंगलदास बाल संग्रहालय भी है जिसमें कठपुतलियों, नृत्य एवं रंगमंच की पोशाकों, सिक्कों तथा रिकॉर्डिड संगीत का संग्रह मौजूद है।

 श्रेयस लोक संग्रहालय

मानेक चौक पर फूड टूर

मानेक चौक बाज़ार सवेरे के कुछ घंटों में जहां सब्ज़ी मार्केट बन जाती है, वहीं रात को खाने के शौकीनों का प्रमुख केंद्र बन जाता है। शाम सात बजे के पश्चात् इस सम्पूर्ण क्षेत्र में एक पंक्ति में खाने के स्टॉल लग जाते हैं। खाने का आरंभ सेव पूरी, गोलगप्पों एवं भेल से करने के बाद कोई भी मुख्य पकवान एवं मीठे व्यंजनों का स्वाद चख सकता है। यह सब मार्केट में घूमते हुए संभव है।   

मानेक चौक पर फूड टूर

पुरानी कारों का संग्रहालय

इस संग्रहालय में पुरानी कारों, मोटर साइकिलों, उपयोगिता वाहनों, बग्घियों इत्यादि का बेहद महक्रवपूर्ण संग्रह प्रदर्शित किया गया है। यहां पर 100 से अधिक शानदार कारें जैसे बेंटले, रॉल्स-रॉयस, मर्सिडीज़, मेबैक, कैडिलैक एवं ब्यूक्स खड़ी हैं। विक्रेता की मांग के अनुसार ये सभी वाहन हाथ से बनाए जाते थे।

 

पुरानी कारों का संग्रहालय

हेरिटेज वॉक

अहमदाबाद शहर का 600 वर्ष पुराना इतिहास रहा है। यहां भारतीय-इस्लामिक वास्तुशिल्प के उत्कृष्ट स्मारक हैं तथा हिंदू व जैन मंदिरों की स्थापत्यकला देश भर के आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लकड़ी की नक्काशी वाले घरों की अनोखी परंपरा रही है, इस प्रकार के घर शहर भर में विद्यमान हैं जिन्हें बहुत सराहा जाता है। समृद्ध विरासत का अनुभव लेने के लिए हेरिटेज वॉक द्वारा शहर को अवश्य देखना चाहिए। इस हेरिटेज वॉक के अंतर्गत शहर के प्रमुख आकर्षण दिखाए जाते हैं, जो कालूपुर स्थित स्वामीनारायण मंदिर से आरंभ होती है।

 हेरिटेज वॉक

एप्लीक वर्क ख़रीदें

गुजरात के बेहद पुराने शिल्पों में से एक एप्लीक व पैच वर्क में कपड़ों के टुकड़ों को जोड़कर फूलों व पशुओं की आकृतियां बनाई जाती हैं। एप्लीक वर्क में, एक कपड़े को दूसरे पर रखकर उनके किनारों पर सिलाई कर दी जाती है। कपड़े पर चिपके कपड़े की यह संरचना देखने में बहुत आकर्षक लगती है। इस प्रकार के डिज़ाइन का उपयोग रज़ाइयां सजाने, वॉल हैंगिंग, आधुनिक घरेलू उपकरण सजाने वाले कपड़े बनाने में होता है।

एप्लीक वर्क ख़रीदें