यह सुंदर मंदिर पोंडा के कावलम् गांव में स्थित है। भगवान शिव और विष्णु के बीच मध्यस्थता कराने वाली, देवी शांतादुर्गा के मंदिर में वर्ष भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। साल्सेटे में स्थित इस मूल मंदिर को वर्ष 1564 में पुर्तगालियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था, जिसे वर्ष 1738 में मराठा शासक छत्रपति शाहू जी के शासनकाल में वर्तमान जगह पर स्थानांतरित कर दिया गया। इस मंदिर की विशेषताओं में एक विशाल तालाब, एक दीपस्तम्भ और अग्रशालाएं (अतिथि गृह) शामिल हैं।

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