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भगवान शिव के एक अवतार माने जाने वाले भगवान मंगेश के शिवलिंग को कुशस्थली (अब कोरटालिम) से प्रोल में स्थित मुंगेशी मंदिर (वर्तमान स्थान) में स्थानांतरित कर दिया गया।
तब से अब तक इस मंदिर की संरचना का कई बार पुनर्निर्माण और नवीनीकरण किया गया। अभी हाल ही में वर्ष 1973 में, फिर से इसका नवीनीकरण किया गया है। वर्ष 1973 में इस मंदिर के गुंबद पर एक स्वर्ण कलश स्थापित किया गया। जनवरी के महीने में इस मंदिर में वार्षिक जात्रा नामक त्यौहार मनाया जाता है। इस दौरान इस मंदिर को ऐसा सजाया जाता है कि यह रोशनी से नहाया हुआ लगता है। इस उत्सव में हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।