आदिवासी मेला एक आदिवासी प्रदर्शनी और त्योहार है जो भुवनेश्वर के आदिवासी प्रदर्शनी मैदान में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह इस क्षेत्र में आदिवासी समुदायों का सबसे पुराना त्योहार माना जाता है जहाँ राज्य भर से लगभग 62 जनजातियाँ एक साथ आती हैं। इसका आयोजन आमतौर पर जनवरी और फरवरी के महीनों के दौरान एक पखवाड़े के लिए किया जाता है। यहाँ प्रदर्शन के साथ-साथ बिक्री के लिए हंसुली जैसे आदिवासी आभूषण, एक प्रकार का गर्दन का छल्ला, कगड़ंग जो कुटिया कोंध जनजाति का एक अनोखा गर्दन का छल्ला है, कोंड जनजाति की पीतल की पायल जैसी बहुत सी वस्तुएँ उपलब्ध होती हैं। आगंतुकों के आनंद के लिए अनेकों आदिवासी नृत्य आयोजित किए जाते हैं। कई त्यौहार और अनुष्ठान पर्यटकों के समक्ष लघुनाटकों के रूप में निरूपित किए जाते हैं ताकि वे उनके पीछे की भावनाओं और निहितार्थों को समझने में सक्षम हो सकें। इस आदिवासी मेले का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को इस क्षेत्र की संपन्न संस्कृति, भोजन, वेशभूषा और असंख्य परंपराओं से परिचित करवाना है।

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