भुवनेश्वर से लगभग 8 किमी दूर स्थित, धौलागिरी हिल्स एक शांत जगह है जहाँ शांति पैगोडा या धौली शांति स्तूप स्थित है। गुंबद के आकार वाले शांति स्तूप में भगवान बुद्ध के पैरों के निशान वाले पत्थर और बोधि वृक्ष मौजूद हैं। इस गुंबद में पाँच छतरियाँ हैं, जो बौद्ध धर्म के पाँच आवश्यक भागों का प्रतीक हैं। अंधेरा होने के बाद, यहां एक भव्य साउंड-एंड-लाइट शो आयोजित किया जाता है, जिसमें अत्याधुनिक प्रोजेक्टरों से इस स्तूप पर लेजर किरणों को प्रक्षेपित किया जाता है और त्रिआयामी चित्रों व ध्वनी के माध्यम से इसके भव्य इतिहास को बयान किया जाता है। कलिंग साम्राज्य के समय से लेकर मौर्य साम्राज्य के सामंतों और राजा अशोक की ताजपोशी तक की जानकारी देता यह शो लगभग 35 मिनट में पूरा हो जाता है। कलिंग युद्ध के बाद अशोक द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने के साथ ही यह शो समाप्त होता है। इस स्तूप के निकट कई चट्टानी गुफाएं और मंदिर स्थित हैं, जिसमें दर्शनीय धवलेश्वर मंदिर भी शामिल है।

अन्य आकर्षण