हरियाली से भरपूर और बर्फ से ढकी वुलर झीलय पृथ्वी पर एक लघु स्वर्ग से कम नहीं है। यह एशिया महाद्वीप पर प्राकृतिक जल के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। अपनी इसी खूबी से यह विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करती है। पर्यटक इसकी अद्भुत खूबसूरती से नतमस्तक हो जाते हैं। वुलर झील जम्मू और कश्मीर राज्य के बंदीपोरा जिले में है। इसकी जलराशि का एक भाग झेलम नदी से आता है।

प्रकृति का यह चमत्कार एक विवर्तनिक हलचलों ;जब पृथ्वी के अंदर दो या अधिक प्लेटों के किनारे भूकंपए ज्वालामुखी या सामान्य पर्वत निर्माण गतिविधियों के कारण संपर्क में आते हैंद्ध से बना है। झील का आकार मौसम के अनुसार बदलता रहता है और कभी यह 30 वर्ग किमी में और कभी 60 किमी के विस्तृत जलराशि में तब्दील हो जाती है। कहा जाता है कि यह झील आकार में बड़ी हुआ करती थीए लेकिन 1950 के दशक में जब विलो प्लांटेशन बनाया गया तो इसकी बढ़ी हुई जलराशि की निकासी कर दी गई।

वुलर झील एवियन पक्षी के लिए जाना जाता है। यह पक्षी प्रेमियों के स्वर्ग जैसा हैय आज यहां बर्डवाचर्स की संख्या दोगुनी हो गई है। यहां दिन में हर समय सुंदर पक्षियों और मछलियों की कई प्रजातियां देखी जा सकती हैं। यहां कॉमन कार्पए रोज़ी बार्बए मॉस्किटोफिश और कई स्नोट्राउट सहित मछली की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

परिवार के साथ घूमने लिए यह बेहद उपयुक्त स्थल है। यहां पर्यटक झील के किनारे हाउसबोट्स और छोटी नावों को किराये पर ले सकते हैं। यदि पर्यटक इस सुंदर झील में पर्वतों की खामोशी के बीच समय बिताते हैं तो वुलर झील का यह अनुभव बेहद यादगार होगा।

झील यहां के स्थानीय लोगों की आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है। ऐसा माना जाता है कि 8000 के करीब मछुआरों के घर इस झील से चलते हैं। कई ग्रामीणों को सहकारी समितियों द्वारा मछली व्यापार में सहयोग करने के लिए काम पर रखा जाता है। झील के किनारे कुछ पौधे जैसे. ग्रास फ्रेगमाइट और निम्फोडेस ;कुमुदिनी जैसा फूल जिसे वाटर लिली भी कहते हैंद्ध को कई परिवारों द्वारा पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

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