यहां के हरे.हरे घास के मैदानों पर जंगली फूलों की झाडियां और बर्फ से ढके पहाड़ ऐसे लगते हैं मानो कि बादलों के बीच से कोई झांक रहा हो। यहां की सुंदर पर्वत श्रृंखलाएं प्रकृति की कविता लगती हैं। यह तो जम्मू और कश्मीर के इस छोटे गांव की ग्रीष्मकालीन छटा है जबकि सर्दियों में तो यह स्थल एक अद्भुत परिलोक जैसा लगता है। इस क्षेत्र की बनावट इसे स्कीइंग के लिए उपयुक्त स्थल बनाती है। गुलमर्ग का यह प्राकृतिक सौंदर्य किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पीर पंजाल पर्वतमाला के विशाल बर्फ से ढके पहाड़ इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। यहां के हरे.भरे चारागाहए गहरे दर्रे और देवदार के जंगलों ने सदियों से कवियों और कलाकारों को अपने प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित किया है।

श्रीनगर से लगभग 52 किमी की दूरी पर स्थितए गुलमर्ग समुद्र तल से 2ए730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों में यह पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है। इससे यह जगह स्नोबोर्डिंगए हेली स्कीइंग ;हेलिकॉप्टर से पहाड़ पर स्कीइंग के लिए उतरनाद्धए ऑफ.पिस्ट स्कीइंग ;नए.नए स्कीइंग मार्ग पर स्कीइंग करनाद्ध जैसे शीतकालीन एडवेंचर स्पोर्ट्स का केंद्र बन गई है। इसकी ढलानों को स्कीइंग के लिए एशिया में 7वां सर्वश्रेष्ठ स्थान घोषित किया गया है।

गुलमर्ग विशाल अफरवात चोटी की गोद में स्थित है। यहां गुलमर्ग गोंडोला से होकर पहुंचा जा सकता है। गुलमर्ग गोंडोला दुनिया में दूसरी सबसे ऊंची केबल कार राइड है। गोंडोला केबल कार की सवारी एक अनूठा अनुभव है क्योंकि यह पहाड़ियों और घाटियों के ऊपर से गुजरती है और कभी.कभी लगता है कि केबल कार कहीं धुंध और बादलों में खो गई है!

गुलमर्ग शाही और अभिजात वर्ग के लिए छुट्टियां बिताने का एक उपयुक्त स्थान रहा है। कहा जाता है कि 1586 ईण् में कश्मीर पर शासन करने वाले सुल्तान यूसुफ शाह ने इस घाटी को पहली बार देखा था। जंगली फूलों और घास से भरीए इसकी लहरदार ढलानों के कारण इसका नाम गुलमर्ग पड़ा। यह स्थल मुगल सम्राट जहांगीर को भी बेहद पसंद था। अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1927 में स्की क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना के साथ ही गुलमर्ग में स्कीइंग की शुरूआत हो गई।