सेंट मैरी चर्च अपने निर्माण के 100 साल बाद भी ज्यों का त्यों खड़ा है। गुलमर्ग में गोल्फ कोर्स के पास स्थितय यह चर्च विक्टोरियन वास्तुशिल्प का उत्कृष्ट नमूना है। दिखने में यह एक छोटे से देहाती चैपल जैसा है। इस चर्च में ग्रे कलर की पत्थर की दीवारें हैंए जो इसके विंटेज लुक में चार चांद लगाती हैं। सर्दियों के मौसम में बर्फ से लदा यह चर्च बहुत शानदार दिखता है। चर्च को गुलमर्ग के शीर्ष आकर्षणों में गिना जाता है। यह शहर के सबसे शांत स्थानों में से एक है। इसकी लकड़ी की दीवारों को खूबसूरती से सजाया गया है जिन पर हरे रंग की टाइलें लगी हैं। अंदर के भित्ति चित्रों पर पवित्र बाइबिल के दृश्यों का चित्रण है। दूर से देखने पर इसका आकर्षण देखते ही बनता है। इसका स्टेन्ड ग्लास आर्टवर्क अद्भुत लगता है। चर्च तक पहुंचने का एकमात्र तरीका पद यात्रा है। यह हरे.भरे मैदानों के बीचो बीच स्थित है और तीनों तरफ से गोल्फ कोर्स से घिरा हुआ है और चौथे तरफ यह एक पहाड़ से घिरा हुआ है। यहां के हरे.भरे घास के मैदानए आसमान छूते अल्पाइन वृक्षए और बुलंद पर्वत श्रृंखला चर्च की सादगी और शोभा को और बढ़ा देते हैं। यहां आस.पास कुछ पुराने होटल और कुटियां बनी हुई हैंए जहां पर्यटक ठहर सकते हैं।

ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसारए इस चर्च का निर्माण वर्ष 1902 मेंए ब्रिटिश शासन काल में विशिष्ट ब्रिटिश शैली में किया गया था। इसे वर्ष 2003 में पुनर्निर्मित किया गयाए इस दौरान इसके अग्रभाग की मरम्मत की गई है। जीर्णोद्धार के बादए इस चर्च में 14 वर्षों में पहला क्रिसमस मास आयोजित किया गया। अब यहां नियमित रोमन कैथलिक लोगों की प्रार्थना नहीं होतीए लेकिन यह रोजाना सुबह 7 बजे और शाम 5 बजे तक खुला रहता है। आगंतुकों से यहां कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यह उत्तर भारत का चर्च अमृतसर बिशप.क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। रात में यह चर्च जब रंगीन रोशनियों से जगमगाता है तो यह उम्मीद की किरणों से नहाया लगता है।

अन्य आकर्षण