एल्पेर लेक

अल्पाथर बर्फ से ढके पहाड़ोंए हरे घास के मैदानों और सुंदर जंगली फूलों से घिरी शानदार नीले जल की झील है जो ऊपर से देखने में बेहद अद्भुत लगती है। नवंबर से मध्य जून के महीनों तक इसका पानी जमा रहता है। इस समय यह झील और भी अनोखी लगती है। जब इस झील के जमे पानी पर बत्तख तैरने के बजाय चलते नजर आते हैं। इस प्रकार इस झील को जमी झील के रूप में भी जाना जाता है। समुद्र तल से 4511 मीटर ऊंची अफरवात पर्वत चोटियों की तलहटी में स्थितए शांत अल्पाथर झील गुलमर्ग से एक दिन की पैदल यात्रा ;लगभग 13 किमी की दूरीद्ध करके पहुंचा जा सकता है।

समुद्र तल से लगभग 4390 मीटर की ऊंचाई पर स्थितए अल्पाथर झील घाटी के सुंदर दृश्यों से घिरी है। आप यहां गोंडोला से राइड ले सकते हैं और फिर माउंट अफरवात के गोंडोला चरण प्प् से अल्पाथर झील तक 1ण्5 किमी की पैदल यात्रा कर सकते हैं। गंतव्य तक पहुंचने में मदद करने के लिए यहां कई गाइड मौजूद हैं। गुलमर्ग से अल्पाथर झील तक की यात्रा के लिए आप टट्टू की सवारी भी कर सकते हैं। गर्मियों के दौरानए यह झील सुंदर फूलों के पेड़ों से घिर जाती है और सैकड़ों फोटोग्राफरोंए कवियों या शांति और एकांत की तलाश करने वालों को आकर्षित करती है। अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने का यह सबसे उपयुक्त जगह है। झील का पानी जमते ही यहां आइस स्केटिंग का मजा दोगुना हो जाता है।

एल्पेर लेक

निंगल नाला

निंगली नल्लाह की सुंदर पर्वतीय धारा गुलमर्ग से 10 किमीण् दूर जम्मू और कश्मीर के बारामुला जिले में बहती है। यह बर्फीले पहाड़ों और हरे.भरे चारागाहों से घिरी बेहद मनोरम परिदृश्य वाली झील है। इस झील का मुख्य जल स्रोतए अल्पाथर झील और अफरवात शिखर से पिघलने वाली बर्फ है। पहाड़ों और घाटियों के बीच से गुजरता यह झरना आगे चलकर विशाल झेलम नदी में मिल जाता है। पर्यटक और स्थानीय लोग यहां पिकनिक के लिए आते हैं। जो पर्यटक यहां कैंपिंग का मजा लेना चाहते हैं वे समीप के चारागाह में रात में कैंप लगा सकते हैं।

ग्रामीणों के लिए जल की आपूर्ति यहीं से होती है और यहां का पहाड़ी इलाका इसके सौंदर्य को और बढ़ा देता है। यहां के बीहड़ और ढलान ट्रेकर्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

निंगल नाला

फिरोजपुर नाला

फिरोजपुर नल्लाह को शिनमाहिन्यु भी कहा जाता है। फिरोजपुर नल्लाह एक पहाड़ी झरना हैए जो फिरोजपुर शिखर से निकलता है। यह गुलमर्ग से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह झरना मछली पकड़ने के लिए भी काफी लोकप्रिय है। सुंदर बर्फीले पहाड़ों और देवदार के पेड़ों से घिरा यह स्थल दोपहर का वक्त बिताने के लिए बेहद उपयुक्त है।

यह झरना ग्रामवासियों के लिए पेय जल का स्रोत है। कई लोगों का ऐसा विश्वास है कि इस झरने कोए इन पहाड़ों की आत्मा का आशीर्वाद प्राप्त है। यह झरना आगे जाकर बाहन नदी से श्वाटर मीटश् नामक स्थान पर मिल जाता है। यह भी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। फिरोजपुर नल्लाह टोस मैदान के समीप है। यहां 50 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके पहुंचा जा सकता है। इस पद यात्रा ;ट्रेकिंगद्ध में तीन दिन का समय लग जाता है।

फिरोजपुर नाला

तंगमर्ग

गुलमर्ग के रास्ते में तंगमर्ग एक प्रसिद्ध पड़ाव है। गुलमर्ग शहर से लगभग 13 किमी और श्रीनगर से 39 किमी दूरए यह पीर पंजाल रेंज की निचली ढलान पर स्थित है। यहां से गुलमर्ग पहुंचने के लिए पर्यटक 5 किमी की पैदल यात्रा भी कर सकते हैं। इस स्थान की कुछ प्रमुख विशेषताओं में लहरदार पहाड़ियांए घने जंगलए बर्फ से ढकी चोटियां और निर्मल पानी का झरना शामिल है। तंगमर्ग से गुलमर्ग तक की सड़कें सर्दियों में बर्फ से ढक जाती हैंय इसलिए यहां यात्रा करते समय पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। झंडपालए द्रुंगए गोगलदाराए निंगली नल्लाहए बाबरशी और बदरकूट के लोकप्रिय पर्यटन स्थल तंगमर्ग क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। यह क्षेत्र अपनी स्थानीय हस्तशिल्प की वस्तुओं और कलाकृतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां कुछ खरीदारी भी कर सकते हैं।

तंगमर्ग

गुलमर्ग बायोस्फियर रिजर्व

गुलमर्ग बायोस्फीयर रिजर्व वन्यजीवों को करीब से देखने वाले और एडवेंचर प्रेमियों का ध्यान आकृष्ट करता है। यहां कुछ दुर्लभ प्रजातियों सहित भांति.भांति के जीव जंतु और पक्षी हैं। यह श्रीनगर से 48 किलोमीटर की दूरी पर ;गुलमर्ग टाउन श्रीनगर सेे 50 किलोमीटर दूरी पर हैद्ध 180 स्क्वेर किलोमीटर में फैला है। यह बायोस्फीयर रिजर्व समुद्र तल से 2400 और 4300 मीटर की ऊंचाई के बीच स्थित है। यहां का मुख्य आकर्षण कस्तूरी मृग है। आप इस रिजर्व के घने जंगलों में हंगुलए सेरोए भूरे भालूए तेंदुएए लाल लोमड़ी और काले भालू को भी देख सकते हैं। जंगल की कुल वनस्पतियों में 90 प्रतिशत शंकु वृक्ष हैं। जहां तक पक्षियों की बात हैए आप यहां बड़ी संख्या में तीतर और उच्चभूमि पर निवास करने वाले पक्षियों को देख सकते हैं। इसके अलावा यहां ग्रिफनए गिद्धए मोनलए स्नो कॉकए कोकलासए ब्लू रॉक कबूतरए कश्मीर रोलरए यूरोपीय हुदहुद और जंगल कौवे भी हैं। इस अभ्यारण्य को पक्षीविदों के लिए स्वर्ग माना जाता है। यह हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है। एडवेंचर प्रेमी अभ्यारण्य के बगल में स्थित कैंप में रह सकते हैं। यदि आप स्तनधारी जीवों को देखना चाहते हैंए तो सितंबर से मार्च के बीच गुलमर्ग बायोस्फीयर रिजर्व की यात्रा का सबसे अच्छा है। लेकिन अगर आप बर्डवॉचिंग के लिए जा रहे हैंए तो इसका सही समय मार्चए अप्रैलए और मई है। यही वह समय है जब प्रकृति भांति.भांति के रंग.बिरंगे फूलों से भर जाती है।

गुलमर्ग बायोस्फियर रिजर्व