अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को प्राचीन भारतीय आयुर्वेद विज्ञान का मुख्य केंद्र माना जाता है। इसकी स्थापना का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा और उपचार प्रदान करवाना था। यह संस्थान पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रणालियों के पुनरुत्थान का समर्थन करता है, जो बिना किसी दुष्प्रभाव के बीमारियों का इलाज करती हैं। इस संस्थान में 200 बिस्तरों वाला एक अस्पताल है, जिसमें 25 विशेषज्ञता विभाग और 12 क्लीनिक हैं, जिनमें आठ अंतर-अनुशासनिक प्रयोगशालाएं भी हैं। इस संस्थान का उद्देश्य आयुर्वेद के माध्यम से चिकित्सा और उपचार को बढ़ावा देना है।
यह संस्थान आधुनिक तकनीकों और प्राचीन विज्ञान को एक साथ लाता है और यह संस्थान आयुर्वेद के विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी उपलब्ध करता है। इसके अलावा यह केन्द्र आयुर्वेद के गुणवत्ता नियंत्रण, औषधि विकास, सुरक्षा मूल्यांकन, मानकीकरण और वैज्ञानिक सत्यापन के अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करता है।

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