नेशनल जूलॉजिकल पार्क यानी दिल्ली का चिड़ियाघर, पुराने किले के पास स्थित है। 176 एकड़ के क्षेत्र में फैला, यह पार्क वनस्पतियों और पक्षियों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है, और यहां 1,000 से अधिक विभिन्न प्रकार वन्य पशु निवास करते हैं। आप यहां पानी में आराम फरमाते हुए विशाल दरियाई घोड़ों को देख सकते हैं। यहां आप चिंपैंजियों को एक दूसरे को छेड़ते हुए, मौज मस्ती करते हुए और बंदरों की बेतरतीब हरकतों को भी देख सकते हैं। इसके अलावा आप एशियाई शेरों की दहाड़ भी सुन सकते हैं, जो बाड़े में अपने अधिकार को दर्शाते हैं। दिल्ली के चिड़ियाघर में कई मजेदार अनुभव आपका इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा आप यहां शाही बंगाल टाइगर, दलदली हिरण, भारतीय गैंडे, ब्रो एन्टर्ल्ड हिरण आदि को भी देख सकते हैं। यहां पक्षी प्रेमियों के लिए, प्रवासी पक्षियों जैसे स्टॉर्क और मोरों की तो भरमार है। रोमांचक अनुभव के लिए, पर्यटक रेप्टाइल हाउस भी जा सकते हैं, जहां छिपकलियों और सांपों की विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं। चिड़ियाघर का उद्घाटन सन् 1959 में किया गया था। इसमें रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, दलदली हिरण, भारतीय गैंडे आदि प्रजातियों के संरक्षित प्रजनन कार्यक्रम भी हैं। चिड़ियाघर में घूमने के लिए आप बैटरी-कार भी किराए पर ले सकते हैं, जो आपको पूरे चिड़ियाघर का दौरा कराती है। चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है, जिसमें वन्यजीवों पर लिखी गई पुस्तकों का संग्रह है और ये किताबें चिड़ियाघर के इतिहास के बारे में भी जानकारियां प्रदान करती हैं। पर्यटकों को परिसर में पीने के पानी के अलावा किसी भी प्रकार के भोजन लाने की अनुमति नहीं है।

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