दिल्ली के टूरिस्ट सर्किट पर एक ऐसा लोकप्रिय और ऐतिहासिक पड़ाव है, जिसे तीन मूर्ति भवन कहते हैं। यह भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू का निवास स्थान था, जो वर्ष 1964 में अपनी मृत्यु तक यहां 16 साल तक रहे थे। इसके बाद, इस घर को उनके स्मारक के तौर पर सरकार को समर्पित कर दिया गया था। भवन को परिसर में खड़े तीन सैनिकों की प्रतिमाओं के कारण इसे 'तीन मूर्ति' कहा जाता है। ये तीन सैनिक, मैसूर, जोधपुर और हैदराबाद के लांसर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सन् 1922 में सिनाई, फिलिस्तीन और सीरिया में प्राण गंवाने वाले बहादुर सैनिकों को सम्मानित करने के ध्येय से, उनके प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया था। तीन मूर्ति भवन को, ब्रिटिश वास्तुकार रॉबर्ट टौर्र रसेल ने, सन् 1930 में ब्रिटिश सेना के कमांडर-इन-चीफ के निवास स्थान के रूप में डिजाइन किया था। पर्यटक नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय भी जा सकते हैं। यहां आप नेहरू के पुराने कार्यालय को भी देख सकते हैं, जिन्हें उसी कलाकृतियों और फर्नीचर का उपयोग करके फिर से सजाया गया है। पुस्तकालय में बड़ी संख्या में वह पुस्तकें हैं, जो आधुनिक भारत के इतिहास का कच्चा-चिट्ठा बतलाती हैं। एक अन्य आकर्षण 'नेहरू तारामंडल' (प्लैनेटेरियम) है जो पूरे क्षेत्र के पर्यटकों को आकर्षित करता है। आप तारामंडल के आकाश थियेटर में होने वाले दिलचस्प शो और प्रस्तुतियों को भी देख सकते हैं।

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