वाराणसी रहस्यवादी कवि एवं संत कबीरदास की जन्मस्थली रही है। कबीर चौरा, मध्य वाराणसी के आसपास ही स्थित है, ऐसा कहा जाता है कि कबीर दास यहीं पर रहा करते थे। इस शहर में ‘कबीर मठ’ स्थित है जो संत के सम्मान में बनाया गया था। यह कबीर चौरा इलाके में स्थित है तथा इसमें संत के जीवन से संबंधित घटनाओं को चित्रों के रूप में उकेरा गया है। ‘चौरा’ शब्द ‘चौराहा’ का छोटा रूप है, जिसका अर्थ चार रास्ते होता है। 

कबीर चौरा के ही निकट रामपुरा मोहल्ला है, जो देखने लायक जगह है। यहां अनेक विख्यात कलाकारों का आवास रहा है जिनमें कथक के महान नर्तक किशन महाराज, शास्त्रीय संगीतकार पंडित बड़े रामदास, हरिशंकर मिश्रा, तबलावादक समता प्रसाद एवं शास्त्रीय गायक राजन-साजन मिश्र प्रमुख हैं। यह क्षेत्र ‘संगीतकारों का मोहल्ला’ भी कहलाता है। संगीत का बनारस घराना भी यहीं फलाफूला है। यह चौरा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उत्तर में स्थित है, जिसके निकट ‘कबीर चौरा अस्पताल,’ डीएवी इंटर कॉलेज, आदर्श ग्राउंड व गांधी पार्क है। कोई भी यहां पर आसानी से पहुंच सकता है क्योंकि यह वाराणसी एवं काशी रेलवे स्टेशनों से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अन्य आकर्षण

इन्हे भी पढ़े