पुराना शहर किसी समय विश्वनाथ खंड के नाम से जाना जाता है जो दक्षिण और पश्चिम में दशाश्वमेध घाट एवं गोदौलिया तथा उत्तर में मणिकर्णिका घाट के मध्य में स्थित है। आगंतुक संकीर्ण गलियों की भूलभुलैया में चहलकदमी कर सकता है। विश्वनाथ गली से होकर विश्वनाथ या विश्वेश्वर मंदिर परिसर तक पहुंचा जा सकता है। 

यह मंदिर लोकप्रिय रूप से वाराणसी का स्वर्ण मंदिर कहलाता है क्योंकि इसके शिखर पर व्यापक स्तर पर सोने की परत चढ़ाई गई है। इस मंदिर में देश के महत्त्वपूर्ण शिवलिंगों में से एक स्थित है, जिसके दर्शन करने हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुगण यहां आते हैं। यह चिकने काले पत्थर से बना हुआ है, जो चांदी के ठोस चबूतरे पर टिका हुआ है। वास्तुकला के चमत्कार के अतिरिक्त यह मंदिर वाराणसी के बेहद पवित्र स्थलों में से एक है।         

अन्य आकर्षण

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