वाराणसी से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कैमूर वन्यजीव अभयारण्य एक शांत वन क्षेत्र है। यह अभयारण्य 1,342 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में व्याप्त है जिसमें अनेक जलप्रपात हैं। इनमें से करकट एवं तेलहर जलप्रपात बहुत आकर्षक हैं। यह अभयारण्य काले हिरणों की आबादी के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहां पर बाघ, तेंदुए, जंगली सुअर, भालू, सांबर, चीतल, चौसिंगा एवं नीलगाय जैसे अनेक वन्यजीव भी देखने को मिलेंगे। इनके अलावा, मगरमच्छ, अजगर एवं अन्य प्रजातियों के सर्प भी पाए जाते हैं। पक्षियों की गतिविधियों में रुचि रखने वालों के यह अभयारण्य जन्नत से कम नहीं है। यहां सालभर अनेक प्रवासी पक्षियों के अलावा स्थानीय पक्षियों की 70 से अधिक प्रजातियां मिलती हैं। पक्षियों की कुछ सामान्य प्रजातियां जो यहां पाई जाती हैं, उनमें चकवा, दिघोंच, मोठी लालसरी, कूट, सुंदर बटवा, जंगली बत्तख एवं कालीजुरे हंस प्रमुख हैं। सुंदर नज़ारे देखने के लिए आगंतुक मचानां या फ़िर जलप्रपातों पर चढ़ सकते हैं।        

इसकी स्थापना 1982 में की गई थी तथा यहां पर विभिन्न प्रकार की वनस्पति भी देखने को मिलती है जिनमें बाल्की, महुआ, ढाक एवं बांस के पेड़ प्रमुख हैं। यह पर्यटकों के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह अभयारण्य बिहार एवं उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है। इस क्षेत्र की स्थलाकृति में पर्णपाती वन, दलदल एवं घास के मैदान सम्मिलित हैं। इनके अलावा, यहां पर गुफ़ाएं भी हैं, जिनमें प्रागैतिहासिक चित्रकारी एवं जीवाश्म पार्क भी है, जो इस अभयारण्य को अनोखापन प्रदान करते हैं।

अन्य आकर्षण

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