करीब 205 हेक्टेयर के विशाल पहाड़ी क्षेत्र में फैला यह हिमालयी प्राणी उद्यान, सिक्किम का पहला चिड़ियाघर है। पार्क की स्थापना सन 1991 में की गयी थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न पहाड़ी जंगली जीवों को प्राकृतिक माहौल में संरक्षण प्रदान करना था। समुद्र तल से 1780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस उद्यान के पीछे विशाल कंचनजंघा पर्वत का भव्य नजारा दिखाई देता है। यहां पर्यटकों को हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले कुछ बेहद खास जंगली जानवर-पक्षी जैसे- कबूतर, लाल पांडा, स्नो लैपर्ड, गोरल, पाम सिवेट और सींग वाला तीतर देखने को मिलते हैं। लेकिन पर्यटकों के सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र रेड पांडा रहता है, जो देखने में बहुत प्यारा और गोल मटोल सा होता है। बच्चे इसे देखकर सबसे ज्यादा खुश होते हैं। इस उद्यान की एक खास बात यह भी है कि सैलानी यहां अपनी खुद की गाड़ी से भी भ्रमण कर सकते हैं। इस पार्क में जानवर पिंजरों से परे खुले माहौल में विचरण करते हैं, जिससे पर्यटकों को जानवरों को उनके प्राकृतिक माहौल में देखने का मौका मिलता है। इस चिड़ियाघर की देखभाल सिक्किम सरकार के वन पर्यावरण और वन्यजीव प्रबंधन विभाग द्वारा की जाती है। 

अन्य आकर्षण