करीब 2 एकड़ के विशाल खूबसूरत उद्यान से घिरा भंजकरी वाटरफाल, कुदरत की एक मनोहारी चित्रकारी सा प्रतीत होता है। जब 40 फुट की ऊंचाई से दूध सा सफेद पानी गर्जना के साथ, धरती पर विशाल पत्थरों से टकराता है, तो मानो लगता है कि किसी चक्रवर्ती सम्राट का विजयघोष हो रहा है। रंका मोनेस्ट्री के पास पड़ने वाला यह जलप्रपात अब एक एनर्जी पार्क में तब्दील हो गया है, जहां गैर पारंपरिक तरीकों से ऊर्जा उत्पादन किया जाता है। यहां हर ओर छोटे-छोटे ठिकाने बने हुए हैं, जहां खड़े होकर पर्यटक इस जगह की खूबसूरती का आनंद लूट सकते हैं, साथ ही सिक्किम शैली में छोटे-छोटे पुल भी बनाए गये हैं, जिनकी मदद से सैलानी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकते हैं। वैसे आप चाहें तो यहां की मानव निर्मित झील में बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। इस झील में एक ड्रैगन का स्टैचू बच्चों को खासा आकर्षित करता है। इसलिए अगर बड़ों के साथ बच्चे थोड़ा बोर हो रहे हैं, तो उन्हें यहां बेझिझक लाया जा सकता है। यदि आप घूमते-धूमते थक जाएं तो यहां एक छोटा सा कैफेटेरिया में आपको हल्का-फुल्का नाश्ता तो बड़े आराम से मिल जाएगा, साथ ही यहां आप अपनी थोड़ी थकान भी उतार सकते हैं। जो लोग शमन संस्कृति में जिज्ञासा रखते हैं और उसके बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, उनके लिए यहां एक सूचना केन्द्र है तथा एक दुकान भी है, जहां से आप संबंधित वस्तुओं की खरीदारी याद के रूप में घर ले जा सकते हैं। 

सिक्किम में बसे नेपाली समुदाय के लोग मानते हैं कि भंजकरी पारंपरिक ओझा होते हैं और पहले भंजकरी के पास बुरी आत्माओं को भगाने की शक्ति हुआ करती थी। शायद यही वजह है कि इस जगह भ्रमण करना अपने आप में एक यादगार अनुभव सा हो जाता है। 

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