भूटान के लिए पानी के स्रोत के रूप में प्रसिद्ध त्सोंगमो (सोंगमो या सोमगो भी पुकारते हैं) झील समुद्र तल से 3779 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। प्रसिद्ध नाथू ला पास के रास्ते में प़ड़ने वाली यह झील गंगटोक से 38 किमी की दूरी पर स्थित है और इसे छान्गू (चांगू) झील के नाम से भी जाना जाता है। इस झील के पानी का मुख्य स्रोत इसके आस-पास के बर्फ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं। 

यह झील अपने आप में बेहद अद्भुत है। क्योंकि मौसम के हिसाब से इस झील का रंग बदलता रहता है। मसलन, कड़ाके की सर्दी में जहां झील का पानी जमकर बर्फ के सफेद मैदान में तब्दील हो जाता है, वहीं वसंत ऋतु के आगमन पर यह पूरा इलाका रंग-बिरंगे फूलों से भर जाता है और झील फिर से स्वच्छ निर्मल जल से लबालब हो जाती है। त्सोंगमो झील तक पहुंचने के लिए पहाड़ी घुमावदार बीहड़ रास्तों पर चलना पड़ता है। कहीं कहीं ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर बहुत ध्यान से कदम रखते हुए आगे बढ़ना पड़ता है और इतने जोखिम के बाद ही इस खूबसूरत झील का दीदार हो पाता है। हालांकि यदि आप इतना रोमांच या जोखिम उठाने में यकीन नहीं रखते हैं, तो याक या खच्चर की सवारी करके आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। त्सोंगमो झील की इस पूरी यात्रा के दौरान रास्ते में स्थानीय व्यंजन परोसने वाले कई छोटे-छोटे स्टाल्स भी आपको मिलेंगे, जहां से आप सिक्किम के ठेठ जायकों का आनंद उठा सकते हैं। इस झील के बारे में बहुत सी प्राचीन कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध यह है कि इस झील के रंगों का अध्ययन कर बौद्ध भिक्षु भविष्यवाणियां किया करते थे। यह स्थान झाकरियों (स्थानीय ओझा) के लिए भी बहुत महत्व रखता है। क्योंकि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वह लोग यहां आकर प्रार्थना करते हैं। 

वैसे तो त्सोंगमो झील सभी पर्यटकों के लिए खुली रहती है लेकिन विदेशी यात्रियों को यहां आने के लिए एक विशेष परमिट (पारपत्र या पास) की जरूरत पड़ती है, जो 2 या 2 से अधिक लोगों को एक बार में दिया जाता है और जिसे सिर्फ केवल पंजीकृत ट्रैवल एजेन्सी ही मुहैया करा सकती है। एक जरूरी बात ध्यान रखने वाली यह भी है कि यदि यहां आने के दौरान बर्फ में चलने के लिए आपके पास पर्याप्त जूते-कपड़े नहीं हैं, तो आप झील के किनारे स्थित छोटी-छोटी दुकानों से गमबूट या स्नोबूट किराये पर ले सकते हैं।  

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