भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद द्वारा संचालित वन अनुसंधान संस्थान (एफ.आर.आई.) देश के वानिकी क्षेत्र के प्रमुख संस्थानों में से एक है। हरे-भरे, घने वृक्षों से घिरा यह परिसरकरीब 450 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।पृष्ठभूमि में दिखाई देते हिमालय पर्वत इस जगह को एक शांत वातावरण प्रदान करते हैं। वानिकी क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस संस्थान की स्थापन 1906 में इंपीरियल वन अनुसंधान संस्थान के तौर पर की गई थी। आजादी के बाद इस संस्थान का नाम वन अनुसंधान संस्थान व महाविद्यालय कर दिया गया। अपने नाम की ही भांति यह संस्थान इस क्षेत्र में प्रमुख और प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। यही वह जगह है जहां वन अधिकारी और वन-पालक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। यहां वानिकी-संग्रहालय भी है जिसे पर्यटक सुबह 9.30 बजे से शाम 5 बजे तक देख सकते हैं। संस्थान की मुख्य इमारत कुछ-कुछ ग्रीक-रोमन तत्व लिए हुए अद्भुत औपनिवेशिक संरचना से बनी हुई है। यहां प्रयोगशालाएं, वनस्पति संग्रहालय, पुस्तकालय, प्रिंटिंग प्रेस और वानिकी क्षेत्र कार्य के लिए प्रायोगिक क्षेत्र भी हैं।

अन्य आकर्षण