पंजाब की संस्कृति, विरासत एवं परंपराओं को दर्षाने वाले एक अनोखे ओपन-एयर संग्रहालय साड्डा पिंड में कलाकृतियों एवं इमारतों कादुलर्भ संग्रह देखने को मिलता है। लगभग 12 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैली इस जगह को पंजाब के ग्रामीण परिवेष को दर्षाने वालीजगह के रूप में विकसित किया गया है। यहां पर सुनारों, लोहारों, किसानों, कुम्हारों इत्यादि से लेकर ज़मींदारों एवं सरपंचों तक के ईंटोंऔर पत्थरों से बने मकानों तथा अन्य निर्माणकार्यों से ज्ञात होता है कि पंजाब के गांवों में लोगों का रहन-सहन किस प्रकार का होता है।स्थानीय कलाकार यहां स्थित बारात घर एवं गांव की हवेली में सारा दिन पारंपरिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहते हैं। भांगड़ा, गिद्दा एवंझूमर से लेकर यहां पर अनेक प्रकार के लोकनृत्य देखने को मिलते हैं। सिखांे के मार्षल आर्ट का एक रूप, गटका यहां देखने लायकप्रस्तुति होती है।यहां आने वाले आगंतुक मक्की-दी-रोटी एवं सरसों-का-साग जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद भी चख सकते हैं। मक्खन मथना एवं खुलेचूल्हे में पाॅपकाॅर्न खाना कुछ अन्य आनंददायक अनुभव हैं।साड्डा पिंड में स्थानीय कुम्हारों, लोहारों, बुनकरों एवं अन्य कारीगरों के खोखे भी बने हुए हैं, जिनमें उन्होंने अपना सामान प्रदर्षित कियाहुआ है। यहां पर फुलकारी दुपट्टे, जूतियां, परांदियां, संगीत वाद्य, मिट्टी के खिलौने, षाॅल एवं कृषि औज़ार आदि ख़रीदे जा सकते हैं।पंजाबी संस्कृति के साथ एक अंतरंग रिष्ता बनाने के लिए, बेहद आवष्यक है कि आप सड्डा पिंड की यात्रा करें। यहां पर आप अपनी जड़ोंसे जुड़ सकते हैं तथा आपको समृद्ध विरासत के बारे में जानने को मिलेगा।

अन्य आकर्षण