स्कॉच व्हिस्की बनाने की एशिया की सबसे पुरानी शराब भट्टी में से एक, कसौली डिस्टिलरी वर्ष 1820 के अंत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित की गई थी। डिस्टिलिंग और शराब बनाने के उपकरणों को 19वीं सदी के शुरुआती दौर में जहाज द्वारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड से भारत लाया गया था। भारत में आने के बाद इसे बैलगाड़ी पर लादकर शिमला के रास्ते यहां लाया गया। दिलचस्प बात यह है कि उस समय से कॉपर पॉट स्टिल्स (एक प्रकार का डिस्टिलेशन उपकरण या फिर कॉग्नेक और व्हिस्की जैसी एल्कोहल स्पिरिट को डिस्टिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है) आज तक डिस्टिलरी में उपयोग की जा रही है।ऐसा कहा जाता है कि ब्रेवरी ने उस समय एशिया की पहली बियर 'लॉयन' को तब लांच किया था। यह उस समय प्रमुख रूप से मांग में थी, क्योंकि उन दिनों ब्रिटिश सेना कसौली में तैनात थी। पहला उत्पाद जो कसौली शराब भट्टी से निकला, वह भारतीय पीली बियर और माल्ट व्हिस्की थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया लोग कसौली का रुख करने लगे। इसके परिणामस्वरूप यहां पर्यटन बढ़ने लगा। इसलिए इस शराब भट्टी को सोलन में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां यह आज भी मौजूद है। हालांकि, डिस्टिलरी अभी भी कसौली में ही है। यही कारण है कि यह दुनिया की अभी भी सबसे पुरानी निरंतर संचालित रहने वाली डिस्टलरी है। कसौली डिस्टिलरी ने सिंगल माल्ट व्हिस्की ब्रांड, सोलन नंबर 1 को मुख्य व्हिस्की ब्रांड के रूप में बाजार में उतारा, जो पिछली एक सदी से ज्यादा समय से देश की बेस्टसेलर बनी हुई है। आज, कंपनी ओल्ड मॉन्क रम, कर्नल स्पेशल, डिप्लोमैट डीलक्स, समर हॉल और ब्लैक नाइट के लिए जानी जाती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कसौली डिस्टिलरी कैसे काम करती है तो आप सुबह 7 से शाम 7 बजे के बीच कसौली डिस्टलरी जाएं। और साथ ही, शराब भट्टी के मुहाने पर स्थित पुराने स्टीम इंजन को देखना न भूलें।

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