2,000 फीट की पहाड़ी के ऊपर स्थित, भव्य फलकनुमा (जिसका अर्थ है, आकाश में एक दर्पण) महल, हैदराबाद के शाही अतीत की याद दिलाता है। इस महल में रखे सबसे बड़े और भव्य वेनिस के झूमर, शानदार प्राचीन फर्नीचर, एक उत्तम इतालवी संगमरमर की सीढ़ी, रमणीय संगमरमर के फव्वारे, विस्मयकारी मूर्तियां, दुर्लभ पांडुलिपियां और कीमती वस्तुएं, इस महल को सुशोभित करते हैं। यह महल, जो पुराने हैदराबाद से लगभग 5 किमी दूरी पर है, हैदराबाद के छठे निजाम, महबूब अली पाशा का घर था। इसमें अच्छी  तरह से जमा की गई पुस्तकों की एक लाइब्रेरी भी है, जिसमें कुरान का संग्रह सबसे अनूठा है। इस महल में मुगल, राजस्थानी और जापानी उद्यान हैं, जो हमेशा सुन्दर तरीके से काटे-छांटे रहते हैं।

इस महल को एक यूरोपीय वास्तुकार द्वारा डिज़ाइन किया गया था, और सन् 1880 के दशक में, इसे एक दशक में बनाया गया था। सन् 1911 में निज़ाम के निधन के बाद यह महल उपेक्षित हो गया, और करीब 100 वर्षों तक उपेक्षित रहने के बाद इसे, एक भारतीय लक्जरी होटल के रूप में नवीकरण करने के लिए दिया गया। इस पर लगभग 10 हजार कारीगरों ने करीब 10 वर्षों तक काम कर इसका पुनर्सौंदर्यीकरण किया और आज, यह एक शानदार हेरिटेज होटल है।

अन्य आकर्षण