भव्य सालार जंग संग्रहालय, वैसी कलाकृतियों के सबसे बड़े संकलन के लिए प्रसिद्ध है, इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे ये सभी एक ही व्यक्ति द्वारा एकत्र की गयी हों। प्राचीन सभ्यताओं और आधुनिक समय के ये संग्रह, मीर यूसुफ अली खान यानी सालार जंग III, द्वारा बड़ी मेहनत से संग्रह और क्यूरेट किया गया था। वे हैदराबाद के 7वें निज़ाम के प्रधानमन्त्री थे, और 35 वर्षों के कार्यकाल में, उन्होंने अपने आय का अधिकांश भाग इस परियोजना पर खर्च किया।

इस संग्रहालय में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 20वीं शताब्दी तक के, ग्रीक, रोमन, हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई और इस्लाम जैसी विभिन्न संस्कृतियों के संग्रह हैं। यहां 43,000 कला वस्तुएं और 50,000 पांडुलिपियां और पुस्तकें रखी हुई हैं। यह यूरोपीय ललित कलाओं को भी प्रदर्शित करता है, जिसमें 19वीं शताब्दी के इतालवी मूर्तिकार बेंज़ोनी, दक्षिण भारतीय कांस्य, लकड़ी और पत्थर की मूर्तियां और भारतीय लघु चित्र (मिनिएचर पेंटिंग) भी शामिल है। अन्य प्रमुख प्रदर्शनों में सम्राट औरंगज़ेब की तलवार और मुग़ल सम्राट जहांगीर की पत्नी नूरजहां द्वारा उपयोग किया गया फल काटने का चाकू भी शामिल है।

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