वाशिंगटन, अमेरिका के व्हाइट हाउस जैसी दिखने वाली एक भव्य हवेली, 'ब्रिटिश रेजीडेंसी', औपनिवेशिक अभिजातीय विलासिता के प्रमाण के रूप में है। मुसी नदी के किनारे, एक घने बगीचे के बीच स्थित यह अलंकृत इमारत, अपने 40 फुट ऊंचे विशाल कोरिंथियन स्तंभों और संगमरमर की 21 कदमों की सीढ़ी के दोनों ओर बैठे दो विशालकाय शेरों के चलते प्रसिद्ध है।

इसे सन् 1805 के आसपास, हैदराबाद के ब्रिटिश रेजिडेंट (ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रतिनिधि) जेम्स अचिलेस किर्कपैट्रिक द्वारा कमीशन किया गया था, और इसको मद्रास इंजीनियर्स के लेफ्टिनेंट सैमुअल रसेल द्वारा डिजाइन किया गया था। यहां उन ब्रिटिश अधिकारियों को रखा जाता था, जो इस क्षेत्र में तैनात थे। नव-शास्त्रीय वास्तुकला शैली से बनी इस रेसिडेंसी में अनेक अत्यंत ही सुंदर झूमर लटके हैं, जिसका स्थानीय लोग यह दावा करते हैं कि इन्हें किंग विलियम IV के महल से खरीदा गया था। अंदर में, अनेक हॉल दीर्घाओं वाले हैं, जिनमें सबसे विस्मयकारी है दरबार हॉल, जो अन्य सभी हॉलों से आश्चर्यजनक अनुपात में भव्य है। इसके फर्श लकड़ी के हैं और इसके अंदर की छत पर चित्रकारियां की हुई हैं। इसमें विशाल दर्पण लगे हैं, और कई अंडाकार बॉल रूम हैं। सन् 1949 में इस रेजीडेंसी को, उस्मानिया यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर वीमेन्स बना दिया गया, जिसे अब कोठी महिला कॉलेज के रूप में जाना जाता है।

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