जामा मस्जिद ऐवान-ए-बेगमपेट की मूरिश वास्तुकला के कारण इसे स्पैनिश मस्जिद भी कहा जाता है। यह एक विरासत संरचना है जिसे सन् 1906 में बनाया गया था। पैगाह परिवार द्वारा रखरखाव किये जाने वाली इस मस्जिद की बनावट में तुर्की वास्तुकला के तत्त्व मौजूद हैं, और इसे सन् 2010 में इंटैक हेरिटेज अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इस मस्जिद में एक समय में, करीब 2,000 लोग प्रार्थना कर सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण सन् 1906 में, पैगाह के रईस, विकार-उल-उमरा द्वारा किया गया था। मस्जिद के मुख्य प्रार्थना कक्ष के दोनों किनारों पर कमरें हैं, जो फ्रांसीसी खिड़कियों के माध्यम से जुड़े हुए हैं। मस्जिद की वास्तुकला में रोमन इंजीनियरिंग का प्रभाव इसके गिरिजा घर के हॉल में दिखता है, और इस्लामिक वास्तुकला की छाप किबला दीवारों, मेहराब और मीनारों पर दिखती है। किंवदंती यह है कि इस रईस ने अपने यूरोप के दौरे पर कई आकर्षक स्मारकों का भ्रमण किया। उन जगहों की तस्वीरें खींच कर वे अपने साथ ले आये, जिसकी प्रतिमूर्ति वह अपनी भूमि पर बनाना चाहते थे।

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