शिलॉन्‍ग से कोई 12 किमी की दूरी पर, इनकी गिनती उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय झरनों में होती है। झरता पानी वनस्पतियों और जीवों से भरे-पूरे एक घने जंगल से घिरा है और शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए एक आदर्श स्थान है। एलीफंट फॉल्स का नाम उसके आधार में बने हाथी के आकार के पत्थर पर रखा गया है। हालांकि यह चट्टान वर्ष 1897 के एक भूकंप में नष्ट हो गयी थी, पर यह नाम रहा आया।

एक-के-बाद-एक तीन झरने होने के चलते इन झरनों को स्थानीय खासी लोग 'तीन सीढ़ी जलप्रपात' भी कहते हैं। पहला झरना काफी चाैड़ा है और घने पेड़ों के बीच छिपा है। दूसरा झरना पतली धाराओं में तब्‍दील होता है, जबकि तीसरा काली चट्टानों पर दूध की चादर की तरह बहने वाला सबसे ऊंचा झरना है।

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