स्थानीय लोगों द्वारा मरई गुफा को क्रेम मरइ भी कहा जाता है और यह एक पवित्र स्थल है जिसका उल्‍लेख मेघालय के लोकगीतों और किंवदंतियों में किया गया है। शिलॉन्‍ग शहर से लगभग 16 किमी दूर, यह स्थानीय लोगों के बीच अति लोकप्रिय है। वे मानते हैं कि सिएमों के वंशज, जिन्होंने माइलिम और खाइरिम राज्यों पर शासन किया था, इस गुफा के माध्यम से आए थे। प्रवेश के और बाहर निकलने के अनगिनत मार्ग होने के चलते गुफा की संरचना जटिल है। कहते हैं कि यदि आप अनजान हैं, तो आपके खो जाने का डर है।हाइकिंग और ट्रेकिंग के अवसरों के चलते मरइ गुफा जोखिम चाहने वालों को भी आकर्षित करती है। हाइक में लगभग 20 मिनट लगते हैं और 'शिलॉन्‍ग पीक' से पर्यटक नीचे पसरे हरे भरे परिदृश्य का आनंद ले सकते हैं। गुफा की यात्रा का सबसे अच्छा समय फरवरी से अक्टूबर है।

अन्य आकर्षण