पुखलीन

किण्वित चावल, गन्ना चीनी और तेल का उपयोग करके बनायी गयी पुखलीन एक लोकप्रिय मिठाई है, जो चाय के साथ बहुत स्‍वादिष्‍ट लगती है।

पुखलीन

दोहखिलिह

बिना तयशुदा रेसिपी वाली यह डिश, मूलत: एक सलाद है जिसमें पोर्क, प्याज़ और स्थानीय मसाले डाले जाते हैं। शहर के डॉन बॉस्को चौराहे पर इसका ज़ायका ले सकते हैं।

दोहखिलिह

दोहनियोंग

यह खासी व्‍यंजन, शहर का एक और पसंदीदा आहार है। पाेर्क से बने, इस व्‍यंजन को काले तिलों के रस में पकाया जाता है। साथ में सोया सॉस और मिर्च का एक टुकड़ा भी डाला जाता है।

दोहनियोंग

जदोह

शिलॉन्‍ग की खासियत जदोह, शहर भर के भोजन स्टालों और भोजनालयों में मिलती है। यह व्‍यंजन मांस के रसीले टुकड़े डले चावल से बना होता है और उस पर पुदीने की पत्तियां और अदरक जैसी जड़ी-बूटियां बुरकी जाती हैं।

जदोह

तुंगरींबाइ

मेघालय की खास, तुंगरींबाइ खमीरी सोया फलियों से बनी होती है। बांस की पत्तियों में लिपटी, थाई मिर्च पेस्ट लगी, तमाम अन्य मसाले डली सेम फलियों की एक ग्रेवी डिश बनायी जाती है जिसे रोटी या चावल के साथ खाया जाता है।

तुंगरींबाइ

चाऊमीन

हालांकि शिलॉन्ग की चटोरी गलियों में चाऊमीन काफी लोकप्रिय है, लेकिन यह स्थानीय व्यंजन नहीं है। यह अंडे के नूडल्स और मसालों के साथ तैयार किया जाता है और इसे गर्म परोसा जाता है। यह अक्सर चिकन या पोर्क, प्याज़, अदरक, लहसुन आदि के साथ मिलाया जाता है। शिलॉन्ग में चाऊमीन लगभग कर कहीं मिलता है, लेकिन जीएस रोड पर किम्फा में मिलने वाला चाऊमीन बहुत स्‍वादिष्‍ट होता है।

चाऊमीन

अनानास

शिलॉन्ग शहर में अनानास की कोई कमी नहीं है और विशाल केव किस्म यहां आसानी से उपलब्ध है। यह मीठा, कोमल और ठेठ अद्भुत फल, मुंह में ताज़गी भर देता है। सड़क किनारे के विक्रेता, ताज़े कटे और साफ किए हुए पाइनएप्पल स्लाइस बेचते हैं जिन पर एक चरपरा मसाला छिड़का जाता है।

अनानास

पान पत्ता

शिलॉन्‍ग शहर में पान, खाद्य संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ज्यादातर इसका सेवन भोजन बाद किया जाता है। यह मसालेदार और गर्म होता है और हालांकि, पहली बार में पचाना आसान नहीं होता है, लेकिन धीरे-धीरे इसका स्वाद अर्जित किया जा सकता है।

पान पत्ता

मोमोज़

तिब्बती मूल के मोमो, गेहूं के आटे से बने शाकाहारी या मांसाहारी भरवां पकौड़े होते हैं। पनीर, चिकन या मटन से भरे हुए मोमो बेहद लोकप्रिय होते हैं और सूखी लाल मिर्च और सिरके के मिश्रण से बनी मसाले वाली चटनी के साथ बहुत ज़ायकेदार होते हैं।मान्‍यता है कि मोमो, यहां बस गये चीनी समुदाय के साथ शिलॉन्‍ग आए, जिन्होंने अपनी खाद्य संस्कृति को शहर में पेश किया। उन्हें अरुणाचल प्रदेश के मोन्‍पा और शेरडुकपा जनजातियों के आहार का एक हिस्सा माना जाता है, जो तिब्बत की सीमा से लगे पश्चिम कामेंग और तवांग जिलों में रहते हैं। यहां खाए जाने वाले मोमो आम तौर पर कीमा किये हुए पोर्क, सरसों के सा गऔर हरी सब्जियों से भरे होते हैं और इन्हें मिर्च की लेई के साथ परोसा जाता है।

मोमोज़