काफुली

इस प्रदेश में हरी पत्तेदार सब्जियां प्रचुरता में पायी जाती है। इन्हीं से मिलकर बनाई जाती है काफुली। वैसे सबसे ज्यादा इसे पालक द्वारा बनाया जाता है और पकने के बाद यह व्यंजन काफी गाढ़ा हो जाता है। 

काफुली

फाणु

यह डिश बनाने के लिए दाल को करीब चार से छह घंटे पहले भिगो कर रखा जाता है। स्थानीय लोगों द्वारा बेहद पसंद किया जाने वाला यह व्यजंन पहाड़ी दालों, जैसे चैन्सु, घैट, अरहड़ या हरी मूंग से बनाया जाता है। 

फाणु

झोली

यह एक खट्टा व्यंजन है, जिसे दही में बेसन या चावल के आटे को मिला कर बनाया जाता है। इसे बनाने का तरीका काफी हद तक फाणु से मिलता-जुलता है, लेकिन यह उसकी अपेक्षा ज्यादा गाढ़ी होती है। 

झोली

थेच्वानी

थेच्वानी को अपना यह अनूठा नाम स्थानीय भाषा के शब्द थिंनचाओ से मिला है, जिसका अर्थ होता है- कुचल कर टुकड़ों में करना। यह व्यंजन पहाड़ी मूली और आलू से तैयार किया जाता है, जिसमें सब्जियों को काटा नहीं जाता, बल्कि कुचल कर उसके टुकड़े किये जाते हैं। 

थेच्वानी

बड़ी

कुमाऊं में मुख्य आहार के रूप में प्रसिद्ध बड़ी को क्वाद के आटे से बनाया जाता है। इस आटे को स्थानीय भाषा में चून या मंडुआ का आटा भी कहा जाता है। बड़ी, घैट की दाल या फाणु के साथ खाना यहां के स्थानीय लोग बहुत पसंद करते हैं। घैट की दाल या फाणु, दालों से बनने वाली एक प्रकार की तरकारी है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को जरूर चखनी चाहिये। 

बड़ी