प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक एवं चिकित्सकीय पद्धति में अपना अटूट विश्वास रखने वाला प्रसिद्ध पतंजलि योग पीठ, पूरे विश्व को न केवल सभी प्रकार की बीमारियों से, बल्कि दवाओं से भी मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां किसी भी प्रकार की बीमारी के उपचार के लिए महर्षि पतंजलि, चरक संहिता सुश्रुत संहिता जैसी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां अपनाई जाती हैं। पतंजलि योग पीठ (ट्रस्ट) की स्थापना स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा 4 फरवरी, 2005 में की गयी थी।  

संस्थान ने अष्टांग योग, राज योग , ध्यान योग, हठ योग, विभिन्न आसन और प्राणायाम इत्यादि की व्यवाहरिक प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्थान का उद्देश्य मानसिक शांति, बेहतर स्वास्थ्य और आत्मिक संतुष्टि एवं प्रसन्नता का भाव लोगों में जगाना है, जिसके लिए संस्थान द्वारा नियमित रूप से संस्थान के अंदर और बाहर, योग प्रशिक्षण कक्षाएं संचालित की जाती है, जिनका प्रसारण टेलिविजन के माध्यम से भी किया जाता है, ताकि लोग घर बैठे योग का लाभ ले सकें। संस्थान इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति से संबंधित विभिन्न कोर्स आदि का भी संचालन करता है तथा नित नये शोध भी करता रहता है। योग और आयुर्वेद के प्रति पूरी दुनिया में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से संस्थान पुस्तकों, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों इत्सादि में भी हिस्सा लेता है। इतना ही नहीं योग पीठ में नेत्र विशेषज्ञ, कान-नाक-गला विशेषज्ञ, दंत विशेषज्ञ एवं सर्जरी, फिजियोथेरेपी और एक्यूप्रेशर के अलग-अलग विभाग हैं। यह संस्थान अत्याधुनिक मशीनों और उपकरणों से भी पूरी तरह से लैस है। जो पर्यटक कुछ दिन रुककर यहां के माहौल को और करीब से महसूस करना चाहते हैं, उनके लिए यहां ठहरने की भी व्यवस्था है। संस्थान में योग, आयुर्वेद और वनस्पति विज्ञान से संबंधित अनेकों पुस्तकों तथा पांडुलिपियों से समृद्ध एक पुस्तकालय भी है तथा इसके अलावा यहां एक इंटरनेट सर्फिंग सेंटर भी है।  

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