आप साल के किसी भी समय हरिद्वार आएं, तो पाएंगे कि इस पवित्र नगरी में हमेशा ही कोई न कोई मेला लगा रहता है। इन मेलों में से अधिकतर मेलों का आयोजन हिन्दु पंचाग के अनुसार महत्वपूर्ण स्नान तिथियों जैसे- सोमवती अमावस्या, कार्तिक पूर्णिमा, श्रावण पूर्णिया और गंगा दशहरे पर किया जाता है। श्रावण मास के दौरान (हिन्दु पंचाग का पांचवा महीना जो जुलाई के अंतिम दिनों से शुरू होता है और अगस्त के तीसरे सप्ताह तक चलता है) बेहद प्रसिद्ध कांवण मेले का आयोजन किया जाता है। भगवान शिव को समर्पित यह कांवण यात्रा, कांवणियों के लिए एक सालाना तीर्थ है, जिसमें वह हरिद्वार सहित अन्य तीर्थ स्थानों पर जाते हैं। इस अवसर पर लाखों की संख्या में हरिद्वार आते हैं और पवित्र गंगाजी में डुबकी लगाते हैं। इन सबके अलावा यहां हरिद्वार महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन बहुत मुस्तैदी से बंदोबस्त करता है। इस दौरान गंगाजी के घाटों पर सांस्कृतिक उत्सवों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तगण बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। करीब चार-पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में विदेशी सैलानी भी बड़े उत्साह के साथ भारी संख्या में भाग लेने आते हैं। यहीं पर स्थित पिरान कलियर दरगाह, पर सालाना उर्स का आयोजन किया जाता है, जिसमें बिना जात-पात और महजब के भेदभाव के बगैर हर धर्म और सम्प्रदाय के लोग हजारों की संख्या में आते हैं। 

अन्य आकर्षण