हरिद्वार का नाम आते ही आंखों के सामने एक ऐसे शहर की छवि आ जाती है, जिसकी आबो हवा में ही आस्था घुली हुई है। हिमालय की घाटियों में बसा हरिद्वार, हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। पूरा साल ही श्रद्धालुओं की आवाजाही से व्यस्त रहने वाला यह शहर मंदिरों में बजती घंटियों और धूप-बत्ती के सुवास से हमेशा महकता रहता है। मां गंगा के संबंध में यह प्राचीन नगरी इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि गंगा का उद्गम स्थल बेशक हिमालय है, लेकिन वह प्रकट हरिद्वार में ही होती हैं। और यही वजह है कि हजारों-लाखों की संख्या में भक्तगण गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करने पूरी दुनिया से यहां आते हैं।  

हिन्दु मान्यताओं के अनुसार हरिद्वार में गंगा जल में लगाई गयी डुबकी से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए साधु-संत और श्रद्धालुओं की आवाजाही से यहां के घाट लगभग हर समय पटे नजर आते हैं। यूं तो हरिद्वार में कई घाट हैं, लेकिन यहां सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है, हर की पौड़ी जहां पूरे साल भक्तगणों का तांता लगा रहता है। यही नहीं त्योहारो पर तो यहां और भी ज्यादा संख्या में लोग डुबकी लगाने आते हैं। हर की पौड़ी पर रोजाना सुबह-शाम, पूरे रीति-रिवाजों के साथ मां गंगा की आरती की जाती है। यह दृश्य अपने आप में बेहद भव्य और भावुक होता है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु और पर्यटक बड़े धैर्य और श्रद्धा के साथ यहां इकट्ठा होते हैं। शाम को होने वाली आरती में तो पूरा माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है। क्योंकि झांझ और घड़ियालों की तेज थाप पर आरती गायी जाती है और विशाल दीप माला से जब मां गंगा की आरती की जाती है, तो उसका पूरा अक्स गंगाजी के पवित्र जल में नजर आता है। हजारों की संख्या में छोटे-छोटे दीये जब गंगा की लहरों पर हिचकोले खाते हुए बहते हैं, तो लगता है मानो मां गंगा दीपावली मना रही हों। 

हिन्दु धर्म के अनुसार हरिद्वार, भारत के सात पवित्र स्थलों में से एक है। यही नहीं पवित्र कुंभ मेले के चार प्रमुख आयोजन स्थलों में से एक हरिद्वार भी है। यदि आप हरिद्वार घूमने का कार्यक्रम बना रहे हैं, तो कोशिश कीजिए कि कुंभ मेले के दौरान यहां जरूर आएं। सैंकड़ों छोटे-बड़े मंदिरों के अलावा यहां अनेकों ऐसे आश्रम भी हैं, जो ध्यान और योग की कक्षाएं संचालित करते हैं। हरिद्वार से ही केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की यात्रा प्रारंभ होती है, जिसे चार धाम कहते हैं। हिन्दु धर्म में चार धाम यात्रा विशेष महत्व है। 

कैसे पहुंचें