ध्यान और साधना

यहां अनेकों ऐसे ध्यान केन्द्र हैं, जहां सैलानी अनुभवी प्रशिक्षकों के निरीक्षण में ध्यान लगाकर आत्मिक शांति का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। वैसे गंगा नदी के तट अपने आप में इतने खूबसूरत और शांत हैं कि आप चाहें तो यहां अकेले बैठकर भी आत्मचिंतन कर सकते हैं। पूरे शहर में अनेकों छोटे-बड़े योगाश्रम भी हैं, जहां देश-विदेश से भारी संख्या में सैलानी योग सीखने आते हैं। 

ध्यान और साधना

गंगा नदी में स्नान

ऐसा माना जाता है कि गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए यहां हर साल औसतन एक करोड़ लोग गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। हर की पौड़ी के अलावा श्रद्धालु विष्णु घाट पर भी स्नान के लिए जाते हैं। माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां स्नान किया था। इसीलिए इस स्थान को विष्णु घाट के नाम से पुकारा जाता है। हरिद्वार कुंभ मेले के आयोजन के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है, जो प्रत्येक बारह वर्षों में एक बार लगता है। श्रद्धालुओं में विश्वास है कि कुंभ के दौरान हरिद्वार में मां गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

गंगा नदी में स्नान

गंगा आरती

जब हरिद्वार आएं तो यहां की प्रसिद्ध गंगा आरती का हिस्सा न भूलें। लाखों लोगों को प्रतिदिन पानी आपूर्ति करने वाली मां गंगा की यह भव्य आरती रोजाना हर की पौड़ी पर सुबह और शाम की जाती है, जिसमें पुजारी तीम मंजिला दीप माला लेकर झांझ और घड़ियाल के बीच मंत्रोच्चारण करते हुए मां गंगा की स्तुति करते हैं। आरती के बाद जब श्रद्धालु गंगा नदी के पवित्र जल में जलते हुए दीपक प्रवाहित करते हैं तो नजारा बहुत ही सुंदर लगता है। करीब एक घंटे तक चलने वाली यह भव्य आरती प्रातः सुबह 5.30 बजे से 6.30 बजे तथा सांय 6 से 7 बजे तक होती है। 

 गंगा आरती