बिलवा पर्वत पर स्थित प्राचीन मनसा देवी मंदिर से पूरे हरिद्वार का बेहद सुंदर दृश्य दिखाई पड़ता है। कहा जाता है कि देवी शक्ति की उत्त्पत्ति ऋषि कश्यप के मस्तिष्क से हुई थी और देवी मनसा, शक्ति का ही स्वरूप हैं। यहां मंदिर में मां मनसा देवी की दो प्रभावशाली प्रतिमाएं विराजमान हैं, जिनमें से एक प्रतिमा में मां के तीन मुख और पांच हाथ हैं तथा दूसरी प्रतिमा में मां अष्टभुजाधारी हैं। यह मंदिर भी देशभर में फैले उन 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी शक्ति के छिन्न-भिन्न शरीर के अंग गिरे थे। इसके अलावा हरिद्वार में ही चण्डी देवी और माया देवी नामक दो अन्य शक्तिपीठ भी मौजूद हैं। 

पर्यटक चाहें तो मंदिर तक पहाड़ की चढ़ाई करके जा सकते हैं, या फिर रस्सी के द्वारा चलने वाली ट्राली से भी यहां पहुंचा जा सकता है। मंदिर में ही एक प्राचीन पवित्र वृक्ष भी है, जिसके बारे में मान्यता है कि यदि कोई अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस वृक्ष पर मन्नत का धागा बांधता है, तो देवी उसकी मुराद जरूर पूरी करती हैं और मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु उस धागे को खोलने के लिए भी आते हैं। 

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