मत्स्य संग्रहालय

मत्स्य संग्रहालय राजीव गांधी जल खेल परिसर के करीब हैए जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। यह एशिया.प्रशांत क्षेत्र में पाए जाने वाले समुद्री जीवन की 350 से अधिक प्रजातियों के आवास के लिए जाना जाता है। सुनामी में यह संग्रहालय आंशिक रूप से नष्ट हो गया थाए लेकिन फिर से इसे बना दिया गया। परिसर में प्रवेश करने परए आपको ऐसा लगेगा जैसे आपने किसी जैव प्रयोगशाला में कदम रखा होए क्योंकि यहां पौधों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं। संग्रहालय में केकड़ेए शार्कए स्टारफिश और विशाल टेबल कोरल जैसे जानवर भी हैं।

अन्य दिलचस्प और देखने लायक चीज़ों में सॉ फिश और डॉल्फिन प्रदर्शन में लगाई गई हैंए इसके साथ.साथ यहां एक स्पर्म व्हेल का कंकाल भी हैए जिसे सबसे बड़ी और दांतेदार व्हेल माना जाता है। संग्रहालय के अंदर किसी भी प्रकार का चित्र लेना निषिद्ध है। यह संग्रहालय पोर्ट ब्लेयर से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित है।

मत्स्य संग्रहालय

लक्ष्मणपुर बीच

लक्ष्मणपुर गांव का एकांत समुद्र तटए नील द्वीप जैटी से 2 किमी दूरए उत्तर में स्थित है। यह समुद्री तट सफेद रेत से बना है। यहां उथला पानी मौजूद होने के कारण यह स्नॉर्कलिंग और कोरल रीफ का अध्ययन करने के लिए यह एक आदर्श तट है। यहां पर कई कोरल और समुद्री जीवों के खोल तट पर बिखरे हुए मिल जाते हैंए जिन्हें आगंतुक स्मृति चिन्ह के रूप में एकत्र कर सकते हैं। सनबाथिंग और स्विमिंग यहां की अन्य प्रमुख गतिविधियां हैं। इस समुद्र तट से शाम के वक्त सनसेट का बेहतरीन नज़ारा देखने को मिलता है। लक्ष्मणपुर बीच पर प्राकृतिक तौर पर निर्मित एक चट्टान हैए जिसे स्थानीय लोग श्हावड़ा ब्रिजश् कहते हैं। इस जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय लोअर टाइड के दौरान होता हैए क्योंकि इस समय पीछे हटने वाला समुद्र अपने खजाने से कई रहस्यों को छोड़ जाता है।
 

यह वह समुद्र तट हैए जहां अक्सर मछुआरों को अपनी दैनिक जीवन यापन के लिए नावों से मछली पकड़ते देखा जा सकता है। लक्ष्मणपुर बीच अपने पास के भरतपुर समुद्र तट से बहुत बड़ा और लंबा है। आपको दिसंबर और मई के महीनों के बीच यहां की यात्रा की योजना बनानी चाहिएए क्योंकि इस समय आप इस द्वीपसमूह के सुखद मौसम का आनंद ले सकते हैं।

लक्ष्मणपुर बीच

अंडमान के मैंग्रोव

मैंग्रोव के पेड़ और झाड़ियां दलदलों में उगती हैं और खारे पानी का वातावरण इसके अनुकूल होता है। अंडमान में ये काफी मात्रा में पाई जाती हैं। अंडमान में धानी नाला मैंग्रोव नेचर वॉकए मध्य अंडमान के रंगत द्वीप से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक लंबा लकड़ी से निर्मित रास्ता हैए जो मैंग्रोव की खाड़ियों के बीच से होकर गुज़रता हैए ताकि पर्यटक यहां की प्रकृति की जैव विविधता का आनंद ले सकें। यह मार्ग अंततः एक सुंदर लंबे समुद्र तट की ओर जाता हैए जिसे धानी नाला बीच कहा जाता है। यह बीच कछुए विशेष रूप से ओलिव रिडले कछुओं के प्राकृतिक आवास के लिए प्रसिद्ध है। रंगत से लगभग 8 किमी दूर स्थित श्येरताश् भी ईको टूरिज्म के लिए बहुत अच्छी जगह हैए जहां शानदार मैंग्रोव की खाड़ियां मौजूद हैं।

मैंग्रोव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिएए पर्यावरण और वन विभाग ने श्मैंग्रोव इंटरप्रिटेशन सेंटरश् की स्थापना की हैए जिसमें इन द्वीपों पर पाए जाने वाले मैंग्रोव की विभिन्न प्रजातियों को दर्शाते हुए आकर्षक डिस्प्ले पैनल हैं। मैंग्रोव और आस.पास के जंगलों के मनोरम दृश्य के लिए यहां श्मैंग्रोव व्यू वॉचटावरश् की भी स्थापना की गई है।

अंडमान के मैंग्रोव

माउंट हैरियट नेशनल पार्क

माउंट हैरियट पोर्ट ब्लेयर से सड़क मार्ग द्वारा 55 किमी और नाव से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। ब्रिटिश राज में यह मुख्य आयुक्त का ग्रीष्मकालीन मुख्यालय हुआ करता था। दक्षिण अंडमान में सबसे ऊंची चोटी ;365 मीटरद्ध के साथए यहां से पास के द्वीपों और समुद्र का बेहतरीन नज़ारा दिखता है। यह पार्क 42ण्62 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें नाना प्रकार की वनस्पति और जीव.जंतु पाए जाते हैंए जिसमें अंडमान के पेड़ए सुंडा टीलेए निकोबार मेगापोडए निकोबार पाराकीटए अंडमान के काले कठफोड़वाए ब्लैक.नेप्ड टर्न आदि पक्षी शामिल हैं।

इसके अलावा आप यहां किंग कोबराए ग्रीन सी और ओलिव रिडले कछुएए अंडमान कोबराए रॉबर केकड़ाए खारे पानी में रहने वाले मगरमच्छए कछुए और जंगली सुअर देख सकते हैं। नेशनल पार्क का पूरा क्षेत्र दक्षिण अंडमान के पूर्वी हिस्से में पहाड़ी श्रृंखलाओं का एक समूह बनाता है। इस पार्क का नाम वर्ष 1862 से 1864 तक पोर्ट ब्लेयर के कारागार अधीक्षक रहे व्यक्ति की पत्नी के नाम पर रखा गया थाय इन्होंने ही इस जगह की खोज की थी।

माउंट हैरियट नेशनल पार्क

चिड़िया टापू

अंडमान का बर्ड आइलैंड या चिड़िया टापू समृद्ध मैंग्रोव जंगलों की एक कालीन की तरह हैए जहां पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। यह इको पार्कए दक्षिण अंडमान द्वीप के सबसे दक्षिणी सिरे पर मौजूद हैए और यह पोर्ट ब्लेयर से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। पोर्ट ब्लेयर से चिड़िया टापू के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। बर्डवॉचिंग के अलावाए यह स्थान अपने पिकनिक स्पॉटए ट्रेकिंग ट्रेल्स और शानदार सूर्यास्त के लिए भी प्रसिद्ध है। अपनी समृद्ध और विविध वनस्पतियों और जीवों के कारण यह टापू एक जैविक उद्यान के रूप में जाना जाता हैए जिसे पर्यटकों को अवश्य देखना चाहिए।

चिड़िया टापू का एक अन्य मुख्य आकर्षण यहां का सनसेट.प्वाईंट है। यह तट बंगाल की खाड़ी में दूर.दूर तक फैला है। सूर्य इस समुद्र को कई रंगों में रंग देता हैए जिनमें लाल और स्वर्ण रंगों की विविध प्रतिछाया होती हैय जो समुद्र के समीप बिताए गए आपके समय को यादगार बनाता है। चिड़िया टापू में एक छोटा चिड़ियाघर भी हैए पर्यटकों को इसका लुफ्त अवश्य लेना चाहिए।

चिड़िया टापू

कोरल रीफ

अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में कोरल की 560 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैंए जिनकी रंग और विविधताएं किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है। कोरल छोटे जीव होते हैंय जो बड़े पैमाने पर कैल्शियम कार्बोनेट का स्राव करते हैं। इनके सामूहिक स्राव से कोरल रीफ की बड़ी.बड़ी कॉलोनियां बन जाती हैं। कोरल रीफ अंडमान और निकोबार द्वीप के 2ए000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए हैंए जो इस द्वीप समूह के कुल क्षेत्रफल का लगभग छह प्रतिशत है। इस द्वीप समूह के पूर्वी किनारों पर फ्रिजिंग रीफ और पश्चिमी किनारों पर बैरियर रीफ के सुंदर परिदृश्य देखने को मिलते हैं।

कोरल रीफ में आमतौर पर आपको कोरलए क्लैम्ज़ए स्पंजए घोंघेए एनीमोनए केकड़ेए स्टारफिशए कीड़ेए झींगाए लॉबस्टर आदि देखने को मिलेंगे। आप विभिन्न प्रजातियों की मछलियां भी यहां देख सकते हैंए जैसे डैमसेल फिशए ग्रूपर्सए सर्जनफ़िशए बटरफ़्लाई फ़िश आदि।

कोरल रीफ

बारातांग द्वीप

दक्षिण और मध्य अंडमान के बीच स्थित इस द्वीप में खूबसूरत समुद्री तटए मैंग्रोव क्रीकए मड वाल्कैनो और चूना पत्थर की गुफाएं हैं। आप वन विभाग की अनुमति से उचित स्थानीय मार्गदर्शन द्वारा बारातांग में स्थित चूना पत्थर की गुफाओं का दौरा कर सकते हैं। आप बारातांग द्वीप ;नीलांबर घाटद्ध से नाव से चौड़ी खाड़ियों से होते हुए चूना पत्थर की गुफाओं तक लगभग आधे घंटे में पहुंच सकते हैं। ये नाव नीलांबर जेट्टी से नायडेरा जेट्टी की ओर जाती है। यहां आप उष्णकटिबंधीय वनों से होते हुए डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित इन गुफाओं तकए पैदल पहुंच सकते हैं।

 

बारातांग द्वीप

पोर्ट ब्लेयर

अपने सफेद रेतीले समुद्री तटों और ऐतिहासिक विरासत के साथए पोर्ट ब्लेयरए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रवेश द्वार है। यह शहर अंडमान और निकोबार द्वीपों की राजधानी भी है और पर्यटकों के लिये एकदम उपयुक्त स्थल है। इसके घुमावदार समुद्री तटों के किनारे कई इको फ्रेंडली बीच और रिसॉर्ट हैंय जहां नौका विहारए तैराकीए स्नोर्कलिंगए समुद्री परिभ्रमण और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के कई विकल्प उपलब्ध हैं। एबरडीन बाज़ार इस शहर का मुख्य स्थल और सांस्कृतिक केंद्र है। यहां के भोजनालय और होटल ज्यादातर इसी क्षेत्र के आस.पास हैं। इस बाजार से पोर्ट ब्लेयर में प्रवेश और निकास के सभी स्थानों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

यहां का मुख्य बस स्टेशन इस बाजार के पश्चिम में स्थित है और हवाई अड्डा दक्षिण पश्चिम की ओर। यहां का प्रमुख यात्री घाट श्द फीनिक्स बे जेट्टीश् यहां से उत्तरपश्चिम की ओर एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

पोर्ट ब्लेयर

बैरेन द्वीप

भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरेन द्वीप में स्थित हैए जो दक्षिण में स्थित राजधानी पोर्ट ब्लेयर से 135 किमी दूर है। यह द्वीप अंडमान सागर में सक्रिय भूकंपीय टेक्टॉनिक प्लेटों पर स्थित है। इसे केवल दूर से ही देखा जा सकता है। यहां जहाज पर से किसी को भी उतरने की अनुमति नहीं है। बैरेन द्वीप एक खस्ता चट्टानी द्वीप हैए जिसका व्यास लगभग लगभग 3 किलोमीटर का है। पिछली बार यह ज्वालामुखी वर्ष 1991 में फटा था और फिर उसके बाद 1994.95 में। इस ज्वालामुखी के क्रेटर से अक्सर धुआं और लावा निकलता रहता हैए जिससे रात के समय काफी प्रकाश फैलता है।

यह ज्वालामुखी बैरेन द्वीप से लगभग आधा किलोमीटर दूर है। जैसा ही आपका जहाज समुद्र के इस विशाल विस्तार से गुजरता हैए इस जलविहार का अनुभव वाकई कभी न भूलने वाला होता है। आप अपनी डेकचेयर पर बैठकर ज्वालामुखी से निकले धुएं और इस उष्णकटिबंधीय स्वर्ग को देखकर आनंदित हो सकते हैं! वैसे तो इस स्थान पर कोई नहीं रहताए लेकिन यह पर्यटकों में खासा लोकप्रिय रहा है। यहां आने के लिए वन विभाग से विज़िटिंग परमिट की आवश्यकता होती है।

बैरेन द्वीप

रॉस द्वीप :नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीपद्ध

यह एक छोटा द्वीप हैए जो आकार में एक वर्ग किलोमीटर से भी कम हैए यह पोर्ट ब्लेयर के समीप स्थित है। यह द्वीप वर्ष 1858 से 1941 तक इस क्षेत्र की ब्रिटिश राजधानी थीय जब जापानियों ने इस पर कब्जा कर लिया तो इसे श्प्रिजनर ऑफ वॉरश् ;च्व्ॅद्ध स्थल में बदल दिया गया। इसके अलावा यहां का मुख्य आकर्षण चर्च का एक खंडहरए मुख्य आयुक्त का घरए कैथेड्रलए अंग्रेजों के कब्रिस्तान और कुछ अन्य महत्वपूर्ण स्थल हैं। पोर्ट ब्लेयर में एबरडीन जेटी से फेरी वाले बुधवार को छोड़कर सभी दिनों में रॉस द्वीप पर आगंतुकों को लाते ले जाते हैं।

 

रॉस द्वीप :नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीपद्ध

लॉन्ग दीप

बेहद ही शांत और आरामदायक अनुभव देने वाला यह द्वीप पोर्ट ब्लेयर से 47 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है। यह द्वीप किसी एक्वाटिक प्लेग्राउंड से कम नहीं है। इसकी विविध समुद्री संपदाए सुंदर समुद्र तटए प्राचीन गुफाएंए हरी भरी पहाड़ियां और शानदार पारिस्थितिकी तंत्र इसे एडवेंचर टूरिज्म के बेहद उपयुक्त बनाती हैं। इस द्वीप पर लगभग 2000 की आबादी निवास करती है। अपने उष्णकटिबंधीय और दलदली वर्षा वनों के कारणए यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। लगभग 2ए000 की आबादी वाले इस श्लांग आइलैंडश् के एक आधुनिक गांव में स्कूलए बैंकए अस्पताल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैंए जो आसपास के कुछ टापुओं पर उपलब्ध नहीं हैं।

यहां बिजली घरए अच्छी तरह से सुसज्जित एक नाव निर्माण यार्डए वायरलेस सुविधाएंए वन कार्यालय और एक पुलिस चौकी भी है। श्लांग आइलैंडश् में लालाजी बेए स्नोर्कलिंग ;श्वास नली लगा कर गोता लगानाद्ध और लंबी तैराकी के लिए प्रसिद्ध है। इस बीच तक पहुंचने के लिए कोई भी रंगत घाट से नाव ले सकता हैए जो कि सुंदर मैंग्रोव से होकर गुजरती हैए जिसकी यात्रा लगभग 90 मिनट की होती है।

लॉन्ग दीप

लिटिल अंडमान

लिटिल अंडमान द्वीप साफ.सुथरे रेतीले समुद्र तटों और शानदार झरनों से युक्त है। यह दक्षिण अंडमान द्वीप के दक्षिण मेंए अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 120 किमी की दूरी पर स्थित है। यह लिटिल अंडमान समूह के द्वीपों का हिस्सा है और डंकन जलसन्धि इसे ग्रेट अंडमान में रटलैंड द्वीपसमूह से अलग करती है। इस द्वीप का मुख्यालय लिटिल अंडमान के हट.बे में स्थित हैए जो कि इस द्वीप के लिए प्रवेश और निकास बिंदु का काम करती है। हट.बे जेट्टी से लगभग 65 किमी दूरए पानी की एक आकर्षक दूधिया और सफेद चादर जैसी व्हाइट सर्फ वॉटरफॉलए सदाबहार वर्षा वन के बीचों.बीच स्थित है।

 

लिटिल अंडमान

नील द्वीप

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण मेंए 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थितए नील द्वीप एक छोटाए सुंदर और अनछुआ द्वीप है। अपने अनछुए कोरल रीफए शानदार जैव.विविधिताए सूनसान रेतीले समुद्र तटोंए उष्णकटिबन्धीय वन और वनस्पति के कारणए यह द्वीप एकांत की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए एकदम उपयुक्त है। उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारणए नील द्वीप में फलों और सब्जियों की अच्छी उपज होती है। इस कारण इसे ष्अंडमान का वेजीटेबल बाउलष् भी कहा जाता है।

इस द्वीप का सबसे चौड़ा हिस्सा लगभग 5 किमी लंबा है। इस द्वीप के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में लगभग दो घंटे लगते हैं। जोशीले पर्यटकों के लिए यहां जेट.स्की की सवारी और स्कूबा डाइविंग जैसे वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यहां ग्लास बॉटम बोट भी उपलब्ध कराई जाती हैए जिसके ज़रिए आप कोरल रीफ और प्राकृतिक संरचना का नज़ारा देख सकते हैंए और मछली पकड़ने के शौकीनों के लिएए यहां कई संगठन पेशेवर उपकरणों के साथ मछली पकड़ने के लिए समुद्र की सैर भी कराते हैं।

नील द्वीप

हैवलॉक द्वीप

हैवलॉक द्वीप साफ.सुथरे समुद्री तटों, स्वच्छ नीले जल, हरे भरे जंगलों, कोरल रीफ और विविध जलीय जीवन से मिलकर बना एक ऐसा स्वर्ग है, जो आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। अंडमान में 113 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में फैला हैवलॉक द्वीप में सबसे अधिक आबादी बसी है। यह पोर्ट ब्लेयर से 39 किमी दूर उत्तर-पूर्व में स्थित है। इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल में तीन प्रमुख समुद्र तट हैं-राधा नगर बीच, विजयनगर बीच और एलीफेंट बीच।

 

हैवलॉक द्वीप