अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण मेंए 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थितए नील द्वीप एक छोटाए सुंदर और अनछुआ द्वीप है। अपने अनछुए कोरल रीफए शानदार जैव.विविधिताए सूनसान रेतीले समुद्र तटोंए उष्णकटिबन्धीय वन और वनस्पति के कारणए यह द्वीप एकांत की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए एकदम उपयुक्त है। उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारणए नील द्वीप में फलों और सब्जियों की अच्छी उपज होती है। इस कारण इसे ष्अंडमान का वेजीटेबल बाउलष् भी कहा जाता है।

इस द्वीप का सबसे चौड़ा हिस्सा लगभग 5 किमी लंबा है। इस द्वीप के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में लगभग दो घंटे लगते हैं। जोशीले पर्यटकों के लिए यहां जेट.स्की की सवारी और स्कूबा डाइविंग जैसे वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यहां ग्लास बॉटम बोट भी उपलब्ध कराई जाती हैए जिसके ज़रिए आप कोरल रीफ और प्राकृतिक संरचना का नज़ारा देख सकते हैंए और मछली पकड़ने के शौकीनों के लिएए यहां कई संगठन पेशेवर उपकरणों के साथ मछली पकड़ने के लिए समुद्र की सैर भी कराते हैं।

आप यहां के कुछ और पर्यटन स्थलों का आनंद ले सकते हैंरू यहां का भरतपुर बीच उष्णकटिबंधीय मछलियों और कोरल रीफ से भरपूर है। सीतापुर बीच बेहद खूबसूरत सनराइज़ के लिए मशहूर है। लक्ष्मणपुर बीच बेहद ही मनमोहक सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध है। लक्ष्मणपुर बीच के पास प्राकृतिक चट्टानों से निर्मित हावड़ा ब्रिज हैए जिसे निम्न ज्वार होने पर आसानी से देखा जा सकता है। यहां पर स्थित नील केंद्र विलेज लहरदार साफ.सुथरे तटों और नावों के जमावड़े के लिए प्रसिद्ध है। सर ह्यूरोज द्वीप को भी छोटा नील कहा जाता हैए घूमने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। यहां कछुओं का एक अभ्यारण्य भी है। नील द्वीप पर पर्यटकों के लिए बहुत ही कम सुविधाएं हैंए फिर भी लोग यहां आना पसंद करते हैं।

अन्य आकर्षण