अमृतसर से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित जालंधर, व्यास व सतलुज नदियों के बीच स्थित मैदान पर बसा अतिव्यस्त शहर है। ‘जालंधर’ का अर्थ होता है वह स्थान जो पानी के भीतर स्थित हो। कइयों का मानना है कि इस शहर का यह नाम दो नदियों के बीच स्थित होने के कारण पड़ा। यह पंजाब के सबसे बड़े शहरों में से एक है, इसलिए यहां पर पर्यटकों के लिए सुअवसरों की कोई कमी नहीं है। इस शहर में जाने पर कोई भी पावन शहर करतारपुर जा सकता है। यहां पर गुरु अर्जन देव की जयंती पर वार्षिक मेला आयोजित होता है। इसके निकट नूर महल स्थित है, जो मध्यकालीन सुंदर सराय के अवशेषों के लिए लोकप्रिय है तथा जिसका निर्माण मुग़ल रानी नूरजहां ने करवाया था। यह शहर फिल्लौर के लिए भी प्रसिद्ध है, जो अपने किले तथा हड़प्पा सभ्यता के समय के पुरातात्विक स्थलों के लिए लोकप्रिय है। जालंधर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर दक्कानी सराय स्थित है, जो एक रेस्तरां है और देखने लायक जगह है।

इस शहर के अन्य आकर्षणों में सेंट मैरीस कैथेडिन्न्ल गिरिजाघर, गुरुद्वारा छेवीं पदशाही तथा देवी तालाब जो असुर सम्राट जालंधर की पत्नी वृंदा को समर्पित है, प्रमुख हैं। जालंधर के निकट एक अन्य शहर जो देखने लायक है, वह नकोदर है। यहां पर वास्तुशिल्प के दो नायाब उदाहरण, मोहम्मद मोमिन तथा हाज़ी जमाल का मकबरा स्थित हैं। सूफ़ी संत बाबा मुराद शाह की पीर भी यहां पर स्थित है। सितम्बर में यहां पर भव्य मेला आयोजित किया जाता है। इसमें राज्य भर से संगीतकार एवं गायक हिस्सा लेने यहां आते हैं। विश्व के सबसे पुराने शास्त्रीय संगीत महोत्सवों में से एक हरभल्लभ संगीत महोत्सव दिसम्बर में यहां पर आयोजित होता है।

जालंधर 1953 तक पंजाब की राजधानी रहा, जब तक कि चंडीगढ़ को यह दर्जा प्राप्त नहीं हुआ। विरासत व पौराणिक तत्वों से परिपूर्ण इस शहर का उल्लेख पुराणों एवं हिंदू महाग्रंथ महाभारत में किया गया है।

पौराणिक कथा के अनुसार इस क्षेत्र पर कभी गंगा नदी की संतान दानव जालंधर का शासन था। ऐतिहासिक रूप से, इस शहर के आसपास का क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है तथा यहां ऐसे अनेक स्थल हैं, जहां प्राचीन बस्तियों के निशान मिलते हैं। जालंधर में अनेक बौद्ध विहार भी विद्यमान हैं। वर्तमान में, यह शहर भारत में खेल का सामान बनाने वाली कंपनियों का मुख्य केंद्र है। खेलों के लगभग 318 प्रमुख सामान यहीं पर बनाए जाते हैं जिनमें क्रिकेट के बैट व बॉल, मुक्केबाज़ी का सामान, हॉकी की छड़ें एवं गेंदें, गद्देदार गेंदें, मछली पकड़ने का सामान, कैरम व शतरंज के बोर्ड तथा अन्य सुरक्षा उपकरण सम्मिलित हैं।

अन्य आकर्षण